# राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में खाटू श्याम जी का मंदिर स्थित है। इन्हें भगवान श्रीकृष्ण का कलयुगी स्वरूप माना जाता है। यहां भक्त देश से ही नहीं अपितु विदेशों से भी खाटू बाबा के दर्शनों के लिए आते हैं। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। वर्तमान मंदिर की आधारशिला सन् 1720 में रखी गई थी। कहा जाता है कि सन् 1679 में औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। मंदिर की रक्षा के लिए अनेक राजपूतों ने अपने प्राण त्याग दिए थे।
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# खाटू में भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक की पूजा श्याम के स्वरूप में की जाती है। माना जाता है कि महाभारत युद्ध के समय श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया था कि कलयुग में उनकी पूजा श्याम के नाम से होगी। यहां पर खाटू बाबा के मस्तक स्वरूप का पूजन होता है जबकि निकट ही स्थित रींगस में इनके धड़ स्वरूप की पूजा होती है।
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# प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में यहां भव्य मेला लगता है। इस मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। कई भक्त दंडवत करते हुए यहां अपनी हाजिरी देते हैं। कहा जाता है कि प्रत्येक एकादशी और रविवार को यहां भक्तों की लंबी कतारें लगी होती हैं। माना जाता है कि यहां आकर खाटू श्याम के दर्शन करने से जीवन की प्रत्येक इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।
# खाटू बाबा के मंदिर में पांच चरणों में आरती होती हैं। मंगला आरती प्रात: 5 बजे, धूप आरती प्रात: 7 बजे, भोग आरती दोपहर 12.15 बजे, संध्या आरती सायं 7.30 बजे और शयन आरती रात्रि 10 बजे होती है। गर्मियों में इस समय में थोड़ा बदलाव होता है।
कार्तिक शुक्ल एकादशी को श्यामजी के जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर के द्वार 24 घंटे खुले रहते हैं।
कार्तिक शुक्ल एकादशी को श्यामजी के जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर के द्वार 24 घंटे खुले रहते हैं।
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# भक्तों के लिए खाटू धाम में श्याम बाग और श्याम कुंड प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। श्याम बाग में प्राकृतिक वातावरण की अनुभूति होती है। यहां पर परम भक्त आलूसिंह की समाधि भी बनी हुई थी। श्याम कुंड को बारे में माना जाता है कि इसमें स्नान करने से भक्तों के पाप धुल जाते हैं। यहां पर पुरुष अौर महिलाअों के लिए भिन्न-भिन्न कुंड बनाएं गए हैं। यह भी पढ़े ➩
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