इसे हम डायरिया के नाम से भी जानते है दस्त लगने के बहुत से कारण हो सकते है, जिनमे वायरल इन्फेक्शन, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, पैरासिटिक अटैक, फ़ूड पॉईजन आदि! दस्त से पीड़ित होने पर गंभीर रूप से निर्जलित (पानी की कमी) होने का ख़तरा रहता है। छोटे बच्चों को दस्त लगना सामान्य बात होती है, लेकिन इनकी समय पर देखभाल या सुरक्षा न की जाए तो ये उनके लिए खतरनाक सिद्ध होते हैं। दस्त लगने पर बच्चे के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स तथा पानी की कमी हो जाती है।
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दस्त की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपनाये ये रामबाण नुक्से -
@ केला का प्रयोग द्वारा :
कच्चे और पक्के दोनों केले डायरिया के इलाज में सहायक है। इनमे पाया जाने वाला फाइबर हमारे शरीर की आंतो में पाए जाने वाले तरल पदार्थ को सोख लेता है, जिससे हमारे शरीर को काफी मदद मिलती है और हमारा शरीर आसानी से मल को जमा कर पाता है। पोटेशियम से भरपूर केले डायरिया के समय में जो इलेक्ट्रोलाइट आपका शरीर खो देता है, उन्हें उनका वापिस निर्माण करता है। साथ ही यह बार-बार आ रहे मलत्याग को कम करने में भी सहायक है, और डायरिया के समय बार-बार होने वाली उल्टियो से भी आसानी से छुटकारा पा सकते है।
केले का सेवन डायरिया से पीड़ित मरीज के लिए बहुत लाभदायक माना गया है।
जब आपको दस्त की समस्या हो तो आपको हर घंटे में एक पका हुआ केला खाना चाहिये। आप पके हुए केले को दही के साथ भी, दिन में 2 से 3 बार खा सकते हो। एक और दूसरा विकल्प कच्चे केले को उबालकर, उसे मसलकर फिर उसमे थोडा थोडा निम्बू का रस और चुटकी नमक डालकर भोजन करने से पहले खाए।
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@ दालचीनी के प्रयोग द्वारा :
दालचीनी दस्त के समय एक प्रभावशाली औषधि का काम करती है। इसमें शक्तिशाली एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल तत्व पाए जाते है जो हानिकारक ऑर्गन को नष्ट करते है और हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाते है।
1. एक चम्मच दालचीनी पाउडर और ½ चम्मच ताजा अदरक को एक कप गर्म पानी में मिलाए। बाद में इसे ढंककर 30 मिनट तक रखे। इस पेय को दिन में 2 से 3 बार पिये।
2. वैकल्पिक रूप से ½ चम्मच दालचीनी पाउडर और 1 चम्मच शहद को एक गिलास गर्म पानी में मिलाए। अच्छी तरह से मिलाने के बाद दिन में कम से कम 3 बार इसका सेवन करे।
दस्त के लिए अदरक एक बेहतरीन विकल्प या दवा है। अदरक आपके पेट की हड्डियों को मजबूत करने और खाद्य जमाव को कम करने में सहायक है। साथ ही अदरक दस्त को पूरी तरह से रोकने में भी सहायक है। साथ ही यह पाचनक्रिया को विकसित करने वाले एंजाइम को भी बढाता है।
अदरक डायरिया फ़ैलाने वाले बैक्टीरिया को कम करने और उन्हें शरीर से बाहर निकालने में सहायक है।
1. एक चम्मच कीमा बनायी हुई अदरक की जड़ को 1 ½ कप पानी में डाले। अब पानी को उबाले और ढककर कम से कम 5 से 10 मिनट तक ठंडा होने दीजिए। ठंडा होने के बाद इस चाय को दिन में 2 से 3 बार पीजिये।
2. वैकल्पिक रूप से 1 छोटा चम्मच सूखे अदरक के पाउडर, जीरा पाउडर, दालचीनी पाउडर और शहद को मिलाकर मिश्रण बनाए और दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करे।
@ सेब के सिरके का प्रयोग :
सेब का सिरका दस्त से छुटकारा पाने के लिए सबसे उपर्युक्त है। यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक डायरिया से बचाने में भी सहायक है, इसमें पाए जाने वाले तत्व हमारे शरीर में डायरिया विकसित करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करते है। साथ ही यह पेट की pH लेवल को भी नियंत्रित करने में सहायक है-
1 से 2 चम्मच बिना फ़िल्टर किये हुए सेब के सिरके को एक गिलास गर्म पानी में डाले। अब इसमें थोडा शहद डाले और हिलाए। अब जबतक आपकी हालत ठीक नही हो जाती तबतक दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करे।
@ दही का प्रयोग :
दही बैक्टीरिया के प्रो बायोटिक तनाव का अच्छा स्त्रोत है जो स्वस्थ बैक्टीरिया के समान ही होता है, जो आसानी से आपके पाचन तंत्र में पाया जाता है। यह बैक्टीरिया आपकी आंतो में अच्छे बैक्टीरिया को बहाल करने में सहायक है। इसके साथ ही दही डायरिया से लढने में भी सहायक है। रिसर्च के अनुसार जब इसका उपयोग रिहाइड्रेशन थेरेपी के साथ किया जाता है, तब इसके प्रोबायोटिक डायरिया के इन्फेक्शन को कम करने में सहायक है।
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