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आतंकियों से लड़कर शहीद हुआ बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह, बहन से कहा था- घर नहीं आ पाऊंगा

जम्मू।घायल बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह ने आखिरकार जिंदगी और मौत की जंग में हार मान ली। वे पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग में घायल हो गए थे। उनका इलाज जम्मू के एक हॉस्पिटल में चल रहा था जहां रविवार रात उनकी मौत हो गई। शहीद ने परिवार को किया था फोन...
- बता दें कि गुरुवार को पाकिस्तान के स्नाइपर की तरफ की गई फायरिंग में बीएसएफ के जवान गुरनाम सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
- गुरनाम के घायल होने के बाद बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई की थी जिसमें सात पाकिस्तानी रेंजर्स और एक आतंकी मारे गए थे।
- जम्मू के हीरानगर में तैनात गुरनाम सिंह ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को सबक सिखाने के बाद रोज की तरह अपने परिवार को फोन किया।
- गुरनाम की बहन गुरजीत कौर ने कहा बताया कि सुबह गुरनाम ने फोन किया था।
- गुरनाम कह रहा था कि फायरिंग हो रही है। मुझे घर आना था पर फायरिंग की वजह से नहीं आ पा रहा हूं।
स्कूल बस चलाते हैं पिता
- गुरनाम हमेशा से बीएसएफ में भर्ती होना चाहते थे। वे 24 साल की उम्र में 2010 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे।
- जम्मू के अर्निया सेक्टर के रठाना मोड़ गांव में उसका पुश्तैनी घर है।
- परिवार में माता-पिता और भाई-बहन के अलावा उसकी नानी भी हैं।
- उनके पिता कुलवीर सिंह पेशे से ड्राइवर हैं। वे स्कूल बस चलाते हैं।
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