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मुस्लिम महिलाओ को बराबरी का हक दिलाने: कोई सेक्युलर और बामपंथी सामने क्यूँ नही आ रहा ?

जैसा कि आपको पता है कि बहुत सालो से भारत में तीन तलाक और हलाला जैसी कुप्रथाएं चली आ रही है मुस्लिम महिलाओ पे बहुत से अत्याचार हो रहे है मौलवी,इमाम इत्यादि जैसे लोग इनका शोषण करते है इसके बावजूद कोई भी सेक्युलर या बामपंथी महिलाओ को बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए आगे नही आ रहा है ।
और दूसरी और ये बामपंथी और सेक्युलर लोग हिन्दुओ के मामलो में ऐसे शोर मचाते है जैसे हिन्दू दुनिया के सबसे हिंसक और जानवरों से भी खराब है । तीन तलाक और हलाला जैसी कुप्रथाओ को समाप्त करने के लिए देश में बहस चल रही है जबकि इस बहस में शामिल होना तो दूर बल्कि एक भी बामपंथी और सेक्युलर मुस्लिम महिलाओ को बराबरी का हक दिलाने की बात नही कर रहा है |
इसी पर टीवी पत्रकार अनुराग मुस्कान ने अपने मजाकिया अंदाज़ में बामपंथियों और सेक्युलरो पर ये पंक्तिया लिखी है |
कोई झूठा मुठा ही नारा लगा दो यार… 
कि हमे चाहिए आज़ादी..
तीन तलाक से आज़ादी.. 
हम लेके रहेंगे आज़ादी ..
तीन तलाक से आज़ादी .. 
भले ही अनुराग की ये पंक्तिया थोड़ी मजाकिया हैं लेकिन इनमे बहुत गंभीर अर्थ छुपे है । हम वामपंथियों और झूठ मूठ के बुधिजीवियों से पूछना चाहते हैं कि ये लोग अफ़ज़ल गुरु को लेकर नारा लगा सकते हैं , कश्मीर की आज़ादी की बात कर सकते हैं , लेकिन मुस्लिम महिलाओं के अधिकार की हर बात पर चुप हैं क्यूँ ?
यहाँ ये भी बता देना उचित होगा कि दुनिया भर को अपने कार्यक्रम सत्यमेव जयते में ज्ञान बाँटने वाले आमिर खान ने अपने इस कार्यक्रम में महिलाओं के अधिकारों का ख़ूब रोना रोया लेकिन तीन तलाक़ , हलाला और मुस्लिम महिलाओं के बुर्क़े पहनने को लेकर कभी कोई बात नहीं की । आख़िर क्यूँ  ?
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