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2011 में भी सर्जिकल स्ट्राइक? पाक सैनिकों के सिर लाई थी सेना

नई दिल्ली भारतीय सेना ने 2011 में भी पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम दिया था? अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। अखबार के मुताबिक 2011 की गर्मियों में भारतीय सेना ने पाकिस्तान से अपने 6 जवानों की शहादत का बदला लिया था। तब पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सीमा में घुसकर दो भारतीय जवानों के सिर ले गए थे। भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन जिंजर' के तहत जवाबी सर्जिकल स्ट्राइक की थी और भारतीय सैनिक तीन पाक जवानों के सिर काटकर लाए थे। हालांकि तब सेना ने इस तरह की किसी जवाबी कार्रवाई की बात से इनकार किया था।

अंग्रेजी अखबार 'हिंदू' ने इस सर्जिकल ऑपरेशन के डॉक्युमेंट, विडियो और तस्वीरें हासिल करने का दावा किया है। अखबार के मुताबिक इस ऑपरेशन को अंजाम देने की पुष्टि तब कुपवाड़ा स्थित 28 डिविजन के प्रमुख रहे मेजर जनरल (रिटायर्ड) ए.के. चक्रवर्ती ने की है। हालांकि, उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।

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इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान बॉर्डर ऐक्शन टीम ने 30 जुलाई 2011 को कुपवाड़ा के गुगलधर में राजपूत और कुमाऊं रेजिमेंट के छह सैनिकों पर हमला बोला था। पाक सैनिक हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी और लांस नायक देवेंद्र सिंह कि सिर अपने साथ ले गए थे। इस हमले में 19 राजपूत का एक जवान भी घायल हुआ था, जिसकी बाद में मौत हो गई थी।

यह है 'ऑपरेशन जिंजर' की पूरी कहानी?

बताया गया कि इसका बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन जिंजर' प्लान बनाया। यह भारतीय सेना के इतिहास में सबसे घातक पलटवार था। इस मिशन के तहत हमले के लिए तीन पाक चौकियों को चुना गया। गुप्त रिपोर्ट के मुताबिक गुगलधर हमले का बदला लेने के लिए सेना ने अलग-अलग टीमें बनाई थीं। दरअसल भारतीय सेना के हाथ घुसपैठ की कोशिश में मारे गए आतंकी से एक विडियो क्लिप हाथ लगा था, जिसमें पाकिस्तानी सैनिक अधिकारी और सिंह के सिर को घेरे दिख रहे थे।

इससे बौखलाई सेना ने दो महीने बाद 30 अगस्त को 'ऑपरेशन जिंजर' के जरिए बदला लेने की ठानी। इसके लिए शुभ दिन मंगलवार को चुना गया। हमले में 25 सैनिकों ने भाग लिया, जिसमें ज्यादातर पैरा कमांडो शामिल थे।

29 अगस्त की सुबह तीन बजे सभी सैनिक लॉन्चिंग पैड पर पहुंचे और हमले की ताक में रात 10 बजे तक छिपे रहे। इसके बाद एलओसी को पार किया गया। 30 अगस्त की सुबह चार बजे सैनिक हमले की तैयारी में लग गए। पाक सेना को ज्यादा जख्म देने के लिए बारूदी सुरंगें भी बिछाई गई थीं।

30 अगस्त की सुबह सात बजे सैनिकों ने एक जेसीओ के साथ चार पाक सैनिकों को गोलीबारी वाली जगह की और बढ़ते देखा। इंतजार करने के बाद माइंस को उड़ा दिया गया। इस हमले में चारों गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इसके बाद ताक में बैठी भारतीय टुकड़ी ने तीन पाकिस्तानी सैनिकों का सिर काट डाला, जबकि एक भागने में सफल रहा। इसके बाद जवान शवों के नीचे IED बिछाकर लौट आए।

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यह ऑपरेशन कुल 45 मिनट तक चला था। ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद भारतीय सेना की पहली टुकड़ी सुबह 7.45 तक लौट आई। इसके बाद दूसरी टुकड़ी दोपहर 12 बजे और तीसरी टुकड़ी 2.30 बजे तक लौटी। इस हमले में कुल 8 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे, जबकि दो या तीन गंभीर रूप से घायल हुए। भारतीय सैनिक तीन पाकिस्तान सैनिकों सूबेदार परवेज, हवलदार आफताब और नायक इमरान के सिर काटकर साथ लाई थी।
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