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हा हा हा! मोदी जी से टक्कर लेने के लिए ममता को सूझा ये नायाब तरीका….

ममता बनर्जी हिंदी भाषा में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अब हिंदी पर जोर दे रही हैं। लेकिन हमारी उनको सलाह है कि इस शेत्र में उतरने से पहले उन्हें कुछ दिन एक हिंदी अध्यापक की मदद लेनी चाहिए थी।
ऐसा लगता है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब अपनी राष्ट्रीय छवि पर सुधारने पर ज़ोर दे रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक ममता बनर्जी को अपनी हिंदी सुधारने के लिए हिन्दी शिक्षक की तलाश है।
इसके लिए उन्होंने एक बंगाली-हिन्दी शब्दकोश भी खरीद लिया है। और क्या था उन्होंने 16 नवंबर को अपना पहला हिंदी ट्वीट भी कर डाला। इस ट्वीट से उन्होंने सबको बताया कि वह आजादपुर मंड़ी में अरविंद केजरीवाज के साथ करेंसी बैन के खिलाफ एक साझा रैली में भाग लेने पहुंचेंगी।
यह तो लाज़मी सी बात है की वह मोदी जी से टक्कर बंगाली में नहीं ले सकती, उसके लिए उन्हें अब हिंदी सीखनी ही पड़ेगी।
खबर यह भी आ रही है कि ममता बनर्जी दिल्ली के जंतर-मंतर पर रैली आयोजित करने के बाद अब लखनऊ और पटना में अगले सप्ताह रैली के माध्यम से करेंसी बैन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रीय स्तर पर घेरने की तैयारी कर रही हैं।
हम आपको बता दें कि ममता बर्नजी दार्जलिंग में नेपाली बोलती हैं और मिदनापुर में संथाल बोलने की कोशिश करती हैं, और अब दिल्ली में हिंदी बोलने की कोशिश कर रहीं हैं । एक अखबार को दिए इंटरव्यू में ममता बनर्जी ने कहा कि-
मैंने सबसे पहले एक सांसद के रूप में और बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक सदस्य के रूप में दिल्ली में राजनीति में शुरुआत की थी। उस समय में हिंदी बोलती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से, विशेष रूप से 2011 के बाद अभ्यास की कमी के कारण मेरी हिंदी खराब होती चली गई है।
#  यदि जल्दी प्रेग्नेंट होना चाहती है तो इन चार पोज़िशन्स से बनाए संबंध /  

आप भी पढ़िए 20 नवंबर को ममता बनर्जी द्वारा किए गए हिंदी में कई ट्वीट, जिन सब में उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला है। एक बात तो तय है कि करेंसी बैन से सबसे ज्यादा नुकसान अरविन्द केजरीवाल और ममता बनर्जी को हुआ है।
कल आज़ादपुर मंडी में जनसभा मैं उपस्थित रहूंगी। मैं वहाँ १:४५ बजे तक पोहुंच जाउंगी
कल आज़ादपुर मंडी में जनसभा मैं उपस्थित रहूंगी। मैं वहाँ १:४५ बजे तक पोहुंच जाउंगी
जनता कि तकलीफ को मजा़क मत समझिये। आप कि पलिसि से जनता को तकलीफ क्यों होगा, राहत होनी चाहिए। (3/4)
जनाता कि आवाज़ सुनिए। उनकी तकलीफ़ को समझिए। जनाता इस तकलीफ़ को भुला नहीं सकती। (2/4)
हर स्टेट कि, पूरे देश कि इकौनौमि तहस नहस हो रहीं हैं। जनाता ढुख मैं और आप खुशी मना रहे हैं। (4/4)
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