
मोदी सरकार ने अच्छी पहल की बोछार कर रखी है फिर चाहे वो किसी भी वर्ग के लोगों के लिए हो. अब मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है कि अगर रेल यात्रा के दौरान किसी का सामान चोरी होता है तो उसकी जिम्मेवार सरकार होंगी और सरकार मुआवजा भी भरेगी. वैसे रेल यात्रा के दौरान सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी यात्रियों की होती है लेकिन सरकार का मानना है कि रेल में सामान की चोरी रेल अधिकारीयों का नतीजा है.

दरअसल कुछ साल पहले शमीम आलम जो उत्तराखंड हज कमेटी के पूर्व प्रमुख रहे हैं. वो देहरादून से दिल्ली की रेल यात्रा पर निकले थे. इस यात्रा के दौरान शमीम का सामान चोरी हो गया तो शमीम ने रेलवे को मुआवजा भरने के लिए कहा. शमीम के इस सामान में उनके कपडें, जूते चप्पल, दवाइयां, पहचान पत्र व अन्य जरुरी सामान था. शमीम ने दिल्ली पहुँचते ही रेलवे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया. जब कही से कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आई तो शमीम ने कंज्यूमर फोरम में अपना मामला दर्ज करवाया और मुआवजें की मांग की.
इस मामले में देहरादून जिला कंज्यूमर फोरम ने रेलवे विभाग को सामान चोरी होने के एवज में मुआवजा देने का आदेश दिया है. इसपर रेलवे ने तर्क दिया कि इंडियन रेलवे एक्ट के तहत यात्रियों के सामान चोरी के जिम्मेदार सिर्फ यात्री है रेलवे नहीं. इस पर कंज्यूमर फोरम का कहना है कि ट्रेन के अंदर सुरक्षात्मक माहौल बनाये रखने की जिम्मेदारी रेलवे की है. कंज्यूमर फोरम का नेतृत्व करते हुए प्रेजिडेंट बलबीर प्रसाद और सदस्य अलका नेगी ने रेलवे को 33,528 रुपये के मुआवजे के तौर पर और 10 हजार रुपये मुकदमेबाजी के खर्च के लिये प्रदान करने का आदेश दिया है.
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