
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक आधार पर दाढ़ी बढ़ाने को लेकर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला किया कि एयरफोर्स के स्टाफ जब तक सर्विस में हैं वे दाढ़ी नहीं बढ़ा सकते ।सुप्रीम कोर्ट में कई दिनों से इस मुद्दे पर बहस हो रही थी. कोर्ट का मानना है कि सेना में अनुशासन और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए यह बुत जरुरी था. गौरतलब है कि अंसारी आफताब अहमद को वायु सेना से दाढ़ी रखने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया था. फिर अंसारी ने धार्मिक आधार पर मुस्लिम जवानों को सेना की सर्विस के दौरान दाढ़ी रखने की कोर्ट से इजाजत मांगी थी.
अंसारी ने यह भी कहा था कि जब सिख सेना की सर्विस के दौरान दाढ़ी और बड़े बाल रख सकते है तो मुस्लमान क्यूँ नहीं. अअपने कदम को उचित ठहराते हुए वायु सेना ने अदालत को कहा कि सभी मुस्लिम दाढ़ी नहीं रखते है. इस्लाम धर्म के अनुसार सभी मुसलामानों का दाढ़ी नहीं रखते है. मुस्लिम धर्म में शेविंग करना या बाल कटवाना निषेध नहीं है. दाढ़ी रखना या न रखना वैकल्पिक है.
आपको बता दे कि अक्टूबर 2008 में अंसारी को भारतीय वायुसेना सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. जबकि कोर्ट में उसकी याचिका कोर्ट में अब तक पड़ी थी. कोर्ट ने 2008 में सरकार और वायु सेना को एक नोटिस भी जारी किया था. इस पर रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सेना को आदेश दिया था कि दाढ़ी रखने वाले मुसलमान सैन्य कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी. हालाँकि 2008 में इस मामले को लेकर कोर्ट में दो बार याचिकाएं दाखिल की गयी, लेकिन पूरी अब हुई है.
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