
अगर आप गूगल पर ये एक लाइन आतंकवाद का कोई धर्म नहीं सर्च करेंगे तो आपको लगभग 41,00,000 वेबपेज मिल जायेंगे. लेकिन सवाल ये उठता है कि की आखिर सभी मीडिया इस एक लाइन का इस्तमाल क्यों करते है. क्या इस मीडिया का आतंकवाद से कोई तालुकात है? एक बार कांग्रेस और NDTV दोनों ने मिलकर आंतकवाद के रंग और धर्म के बारे में बताने की कोशिश की थी. लेकिन बता ना पाए और आखिर में उन्होंने भी यही कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं.
कल मैंने एक खबर पढ़ी जिसमे हैदराबाद कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन के कथित सह-संस्थापक यासीन भटकल को पाकिस्तानी नागरिक ज़िया उर रहमान और तीन अन्य को फांसी की सजा सुनाई गयी है. इन्होने 21 फ़रवरी वर्ष 2013 में हैदराबाद के दिलसुखनगर में दो धमाके किये थे. इन धमाकों में 8 लोगों की जान चली गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसके अलावा भटकल पुणे की जर्मन बेकरी धमाके में भी शामिल है और भी कई धमाकों में भटकल शामिल है. ये सभी हमले तभी हुए जब देश में सेक्युलर कांग्रेस का राज था.
मुझे ख़ुशी हुई आखिरकार इन धमाकों में मारे गए लोगों को इंसाफ तो मिल रहा है. लेकिन मेरी ये ख़ुशी ज्यादा देर तक ना टिक पाई. जब भटकल की फांसी पर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाये. आखिरकार हमारे सेक्युलर ओवैसी जी ने आतंकवाद के धर्म का आविष्कार कर ही दिया. देखें उनके द्वारा किये गए ट्वीट और खुद जानिए.

ऊपर दिए गए ट्वीट के जरिये आप देख सकते है कि आखिर असदुद्दीन ओवैसी ने आतंकवाद का धर्म बता ही दिया. जब हमारे सेक्युलर के मसीहा एटीएम का धर्म बता सकते है तो आतंकवाद तो एक केक का टुकड़ा है उसके लिए.

Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
0 comments: