
ये ऊपर जिस शख्स की तस्वीर आप देख रहे है, इसे तो आप पहचानते होंगे
पाकिस्तान का इस्लामिक आतंकवादी अज़मल कसाब, जो की पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के फरीदकोट का रहने वाला था
2008 में अपने इस्लामिक साथियों के साथ ये भी मुम्बई पर हमला करने
साफ़ कहें तो काफिरों का खात्मा करने के मकसद से पहुँचा था, बाकि सारे आतंकी तो ख़त्म कर दिए गए पर इसे जिन्दा पकड़ लिया गया
मुम्बई के स्पेशल अदालत में कसाब की सुनवाई नवम्बर 2008 में ही शुरू हुई और स्पेशल कोर्ट ने कसाब को 6 मई 2010 में फांसी की सजा सुनाई, जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने
भी बरक़रार रखा और 21 नवम्बर 2012 को कसाब को पुणे के यरवदा जेल में फांसी दे दी गयी
ये सारी जानकारी तो आपको होगी, पर सुनवाई के वक़्त कसाब ने अदालत में क्या कहा उसपर एक बड़ा खुलासा हुआ है
खुलासे के मुताबिक, मुम्बई पर समुंद्री रास्ते से आकर हमला करने का कारण पूछे जाने पर कसाब ने अदालत को बताया था की, मजहबी गुरु ने उसे बताया था की
"जमीनी जिहाद से 2 गुना बेहतर है समुंद्री जिहाद, और अल्लाह समुंद्री जिहाद करने से 2 गुना अधिक खुश होता है, समुंद्री जिहाद करने वाले मुजाहिद को अल्लाह विशेष सुविधाएं देता है"
आपको बता दें की अज़मल कसाब के अम्मी अब्बू ने बताया था की
उसने 2005 में ही घर छोड़ कर मुजाहिद बनने के लिए, हाफिज सईद के लश्कर-ए-तौबा की सदस्यता ली थी
लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में ही मुजाहिदों को जिहाद और हथियारों की ट्रेनिंग दी गयी और
वहीँ कसाब को भी आसमानी किताब और हूरों और जन्नत का लालच देकर आतंकी बनाया गया
Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
0 comments: