
य़हां पर हर साल लाखों तीर्थयात्री मंदिर का दर्शन करते हैं। यह मंदिर सबसे ज्यादा देखे वाले मंदिरों में से दूसरे स्थान में है। पहले स्थान में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर है। इस मंदिर के अपनी अनोखी कहानी है। यहां पर आकर कोई भी भक्त उदास होकर नहीं जाता है। सभी की हर मनोकामना पूर्ण होती है, लेकिन आप जानते है कि मां वैष्षो देवी के कुछ ऐसे रहस्य है जिनके बारें में न आपने कभी सुना होगा न जाना होगा। आज हम आपको अपनी खबर में इस मंदिर के बारें में कुछ रहस्य बता रहे है।

भारत का विश्व प्रसिद्ध और सबसे पवित्र तीर्थ स्थल वैष्णो देवी मंदिर जम्मू-कश्मीर राज्य की त्रिकुटा पहाड़ियों पर बसा है। माता वैष्णो देवी का पवित्र मंदिर एक पहाड़ी में एक गुफा के अंदर हैं। हर साल लाखों भक्त यहां की यात्रा करते हैं। जितना महत्व वैष्णो देवी का है, उतना ही महत्व यहां की गुफा का भी है।
1. देवी के मंदिर तक पहुंचने के लिए एक प्राचीन गुफा का प्रयोग किया जाता था। यह गुफा बहुत ही चमत्कारी और रहस्यों से भरी हुई है। इनके बारें में जानकर आप हैरान रह जाएगा। जानिए इन रहस्यों के बारें में।
2. इ्स प्राचीन गुफा का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि इसमें पवित्र गंगा का जल प्रवाहित होता रहता है। जिसके कारण इस जल से होकर हर व्यक्ति मां के दर में पहुंचता है। जिसके कारण इसका महत्व अधिक बड़ जाता है।
3. वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने वाली घाटी में कई पड़ाव भी हैं, जिनमें से एक है आदि कुंवारी। इस गुफा को गर्भजून के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इस गर्भजून गुफा को लेकर मान्यता है कि माता दुर्गा यहां पर 9 महीने तक उसी प्रकार रही थी जैसे कि एक शिशु माता के गर्भ में 9 महीने के लिए रहता है।
4. इस पवित्र गुफा की लंबाई 98 फीट है। यहां पर अंदर जाने और बाहर आने के लिए दो कृत्रिम रास्ते बनाएं गए है। साथ ही यहां पर एक बड़ा सा चबूतरा भी बना हुआ है। जिसे माता वैष्णों का आसन माना जाता है। और वो यहीं पर विराजित रहती है।
5. यहां पर गर्णजून गुफा को लेकर मान्यता है इस गुफा में जाने से मनुष्य को फिर गर्भ में नहीं जाना पड़ता है। अगर मनुष्य गर्भ में आता भी है तो गर्भ में उसे कष्ट नहीं उठाना पड़ता है और उसका जन्म सुख एवं वैभव से भरा होता है।
6. मां माता वैष्णो देवी के दरबार में प्राचीन गुफा का काफी महत्व है। इसको लेकर मान्यता है कि प्राचीन गुफा के अंदर भैरव का शरीर मौजूद है। माता ने यहीं पर भैरव को अपने त्रिशूल से मारा था और उसका सिर उड़कर भैरव घाटी में चला गया और शरीर यहां रह गया था।
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