पूरी दुनिया जानती है कि कट्टरपंथियों का मजहब बड़ा ही सेंसटिव है, छोटी छोटी बात पर खतरे में आ जाता है
कोई महिला काला बुर्खा न पहने तो भी खतरे में आ जाता है
इन कट्टरपंथियों के निशाने पर अक्सर महिलाएं ही रहती है
ये केवल महिलाओं पर ही जोर चलाना जानते है
आये दिन कोई मौलाना, मौलवी, इमाम
आये दिन, हर 2 दिन में एक मौलवी जलालत करते, वैश्यावृत्ति करते पकड़ा जाता है पर
कोई कट्टरपंथी अपनी जबान तक नहीं खोलता, इनके खिलाफ कोई फतवा नहीं देता
यानि इनके लिए इस्लाम अलग है और आम मुस्लिमो के लिए इस्लाम अलग
मुल्ला मौलवियों को वैश्यावृत्ति और दारूबाजी की छूट है
कोई कट्टरपंथी इन्हें तो गालियां नहीं देता।
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