प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लखनऊ रैली में उमड़े जनसमुन्द्र को देखकर राजनितिक पंडितों ने उत्तर प्रदेश चुनावों के नतीजे अभी से बीजेपी के पक्ष में मान लिए है
मोदी की रैली को देख बहुजन समाज पार्टी की सरगना मायावती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है
और मायावती ने बिलबिलाना भी शुरू कर दिया है
मायावती ने नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा की, "नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के नहीं है"
हां नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के मूल नागरिक नहीं है, पर अभी वो भारत के प्रधानमंत्री है, और वो देश के हर गाँव के है, हर मोहल्ले के है
भले नरेन्द्र मोदी यूपी के नहीं है, पर यूपी के लोग उनसे जरूर प्यार करते है
वहीँ मायावती जरूर यूपी की है पर देखिये, 2014 में मोदी को 80 में से 73 सीट मिली वहीँ मायावती को 0
और बनारस से 3 लाख मतों से नरेन्द्र मोदी को लोगों ने जिताया
और मायावती को ये भी समझना चाहिए, की नरेंद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार नहीं है
और बीजेपी चुनाव जीत भी गयी तो भी प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ नरेन्द्र मोदी यूपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठने वाले
मायावती अपनी जातिगत राजनीती करे उनको वही शोभा देता है
कौन उत्तर प्रदेश का है और कौन नहीं, ये तो जनता तय करेगी
आपको बता दें की, संगम, बनारस, अयोध्या और मथुरा की भूमि उत्तर प्रदेश पुरे देश की है, और पूरा देश उत्तर प्रदेश का है
यूपी के लोगों ने कभी छेत्रवाद को बल नहीं दिया है, चूँकि उत्तर प्रदेश ही असल में भारतीय सभ्यता है
गंगा की भूमि है, जिसे मायावती जैसे लोगों ने बर्बाद कर रखा है
जब एक अफगानिस्तानी जवाहर लाल नेहरू, और एक इटालियन सोनिया गाँधी यूपी की हो सकती है तो मायावती को केवल मोदी से ही क्यों नफरत है
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