
हमेशा से ही माना जाता है कि अच्छा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। इसी वजह से स्वास्थ्य के संबंध में कई प्रकार के नियम बनाए गए हैं। अच्छे खान-पान के साथ ही रहन-सहन और आदतों का भी हमारी सेहत पर प्रभाव पड़ता है। काफी बीमारियों तो केवल नहाने से ही दूर रहती हैं। इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने कुछ कार्य ऐसे बताए हैं जिनके होने के बाद व्यक्ति को तुरंत नहा लेना चाहिए।
1. तेल मालिश के बाद :- स्वस्थ्य शरीर और चमकदार त्वचा के लिए जरूरी है कि कम से कम सप्ताह में एक बार अवश्य ही तेल मालिश की जानी चाहिए। तेल मालिश के बाद शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं और अंदर का मेल बाहर हो जाता है। अत: तेल मालिश के तुरंत बाद नहा लेना चाहिए। इससे शरीर का समस्त मेल साफ हो जाता है। त्वचा में चमक आती है।
2. शमशान में जाने के बाद :- इसी तरह यदि शमशान में जाने के बाद भी घर आकर तुरंत नहा लेना चाहिए। शमशान के वातावरण में विभिन्न प्रकार के कीटाणु और विषाणु रहते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। अत: वहां से घर आकर तुरंत नहा लेना चाहिए।
3. हजामत करवाने के बाद :- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हजामत करवाने के बाद भी तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। बाल कटवाने के बाद पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं अत: इस कार्य के बाद जब शरीर सामान्य स्थिति में आ जाए तो तुरंत नहाना चाहिए।
4. स्त्री प्रसंग के बाद :- स्त्री प्रसंग के बाद भी नहाना अनिवार्य है। इस कार्य के बाद पवित्रता भंग हो जाती है अत: नहाने के बाद पवित्र हो जाना चाहिए।
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