शास्त्रों के अनुसार रात 12 बजे बाद अगला दिन शुरु हो जाता है तथा ब्रह्मबेला से ठीक पहले वाला समय आरंभ हो जाता है। ऐसे समय पर व्यक्ति की मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तियां जागृत हो जाती हैं। इसीलिए मध्यरात्रि के एक प्रहर बाद से ब्रहम मुहूर्त आरम्भ हो जाता है।
ऐसे समय में व्यक्ति को अध्ययन, मनन, ध्यान तथा भगवान की पूजा-पाठ जैसे कार्य करने चाहिए। कोई नई योजना बनानी हो तो भी उसके लिए यह समय बहुत उपयुक्त है। परन्तु इस समय भूल कर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए
अन्यथा पुरुषत्व की हानि होने के साथ-साथ व्यक्ति का बुरा समय आरंभ हो जाता है। शारीरिक संबंध बनाने के लिए सर्वोत्तम समय बह्म मुहूर्त के प्रहर से पहले (अर्थात् सुबह 3 बजे से पहले) का ही ठीक माना जाता है।
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