
मायावती जो 2007 से लेकर 2012 तक यूपी की मुख्यमंत्री थी
मायावती को लोगों ने पूर्ण बहुमत दिया था, मायावती ने 2 काम किये, पहला अपनी मूर्तियां बनवाई, दूसरी मुस्लिम तुष्टिकरण और जातिवाद की गन्दी राजनीती
मायावती के इसके अलावा कुछ नहीं किया, जनता ने 2012 में हरा दिया
और मायावती को बुरी तरह हराया, मायावती फिर भी नहीं सुधरी और 2012 से लेकर 2017 तक भी जातिवाद और मुस्लिम तुष्टिकरण की राजन्ती करती रही
मायावती ने जातिवाद के अलावा पिछले 5 सालों में कुछ नहीं किया, और चुनाव आते आते
मायावती ने मुस्लिम तुष्टिकरण के अलावा कुछ नहीं किया, यूपी की जनता ने मायावती को 19 सीटों पर पहुंचा दिया
और हां 2014 में 80 में से मायावती को जनता ने 00 सीटें दी
इसके बाद भी मायावती आज भी नहीं सुधरी
आज भी जातिवाद की गन्दी राजनीती, विकास नहीं जातिवाद, विकास नहीं मुस्लिम तुष्टिकरण
मायावती जरूर 19 से 00 पर जाना चाहती है, और जरूर पहुंचेगी भी
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद मायावती ने प्रेस के सामने आकर बयान दिया
और मायावती ने कहा की, बीजेपी ने पिछडो और ब्राह्मणों के साथ धोखा कर दिया
और एक ऐसे सांप्रदायिक शख्स को मुख्यमंत्री बना दिया जो यूपी का बेडा गर्ग करेगा
मायावती ने आज भी जातिवाद की राजनीती नहीं छोड़ी, "ब्राह्मणों और पिछडो के साथ बीजेपी ने धोखा कर दिया"
इस मायावती को शायद नहीं पता की, देश और प्रदेश के लोग अब जातिवाद से ऊपर उठने लगे है और उठ भी गए है, तभी तो दलितों वालो आरक्षित सीटें भी बीजेपी ने जीती, दलितों ने भी मायावती को वोट नहीं दिया
पर वो एक कहावत है की, विनाश काले विपरीत बुद्धि, मायावती का भी विनाश निश्चित ही है
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