
यूपी विधानसभा चुनाव की काउंटिंग चल रही है। रुझानों में बीजेपी सभी पार्टियों को ध्वस्त करते हुए बहुत आगे चल रही है। बीजेपी को ऐसी बढ़त साल 1991 में मिली थी, लेकिन अभी जो रुझान मिल रहे हैं, वो 1991 की लहर को भी ध्वस्त कर दिया है। उस दौर को 'रामलहर' कहा जाता है, क्योंकि 1991 में राम जन्मभूमि आंदोलन के जरिए बीजेपी कड़े हिन्दुत्व के मुद्दे पर जनता के बीच चुनाव लड़ी थी। साल 1991 में बीजेपी ने इसी 'रामलहर' में 221 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार आंकड़ा पिछले हर आंकड़े को पीछे छोड़ता जा रहा है।
अटल विहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की जोड़ी उस समय देश में 'मंडल' की हवा के बीच 'कमंडल' लेकर निकली थी और 1991 में कल्याण सिंह के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाई। बीजेपी को उस चुनाव में 425 सीटें में से 221 सीटें मिली। कांग्रेस जहां 46 सीटों पर सिमट गई तो पूर्व पीएम वीपी सिंह की पार्टी जनता दल को 92 सीटें मिली थी। जनता पार्टी (चंद्रशेखर) 34 और बसपा 12 सीटों पर जीत हासिल की थी।
1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 85 सीटों में से 51 सीटों पर जीत हासिल की थी। जनता दल जो कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ी थी वो 22 सीटों पर सिमट गई थी। पूर्व पीएम चंद्रशेखर की जनता पार्टी ने चार सीटों पर और कांग्रेस 5 सीटों पर जीत पायी थी। उस समय उत्तर प्रदेश का बंटवारा नहीं हुआ था।
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