
कोर्ट हिन्दुओ की भावनाओ को नहीं समझ रहा और मंदिर को लटका रहा है
हिन्दु कबतक सब्र करेगा : डॉ सुब्रमण्यम स्वामी
राम मंदिर पर हो रही देरी पर सुब्रमण्यम स्वामी ने आज बड़ा बयान दिया है
डॉ स्वामी ने कहा है की, अयोध्या में मुसलमानो का कोई आधार ही नहीं, इस्लाम बाहरी मजहब है, इसका अयोध्या से क्या लेना देना
ऊपर से इलाहबाद हाई कोर्ट ने 2010 में ही फैसला दे दिया जिसमे सबूत के साथ साबित हो गया की
वो जगह मंदिर की ही है, जिसपर मस्जिद बना दिया गया था, पर जमीन मंदिर की है इसलिए रामजन्म भमि न्यास को वो जमीन मिलनी चाहिए
उसके बाद से ही ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है, 6 साल से अधिक का समय हो गया
है और पिछले 3 सालों में तो सुप्रीम कोर्ट में 1 भी बार सुनवाई नहीं हुई
डॉ स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में बार बार अर्जी दी है कि मामले की सुनवाई जल्दी की जाये, पर सुप्रीम कोर्ट भी कछुवे की चाल चल रहा है, और यहाँ हिन्दुओ के सब्र का बाँध टूट रहा है
डॉ स्वामी ने कहा की पहले इलाहबाद हाई कोर्ट ने 26 साल लगा दिए इसपर फैसला देने में
और अब सुप्रीम कोर्ट में भी 6 साल हो गए है, सुप्रीम कोर्ट क्या और 26 साल लगाएगा, हिन्दू आखिर कबतक इंतज़ार करेंगे, जल्द राम मंदिर नहीं बना और मामला सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही लटकाये रखा तो हिन्दुओ
के सब्र का बाँध भी झलक जायेगा
डॉ, स्वामी ने ये भी कहा की, 2018 में मजबूरन हमे राज्यसभा में राम मंदिर के लिए कानून लाना पड़ेगा
चूँकि कोर्ट और मुस्लिम समुदाय मान नहीं रहा है, 2018 में राज्यसभा में भी बहुमत मिल जायेगा
ऐसे में मुस्लिम समुदाय और कोर्ट कहेगा की नाइंसाफी हो गयी
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