नशा करना घातक होता है और आपके जीवन को जहन्नुम बना देता है। लेकिन फिर भी दिमाग में एक सवाल तो उठता ही है कि भला दुनिया का कौन सा ऐसा नशा है जिसकी लत सबसे बुरी है। चलिये जानें कौंन से हैं दुनिया के 5
सबसे खतरनाक नशे -
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सबसे खतरनाक नशे
नशा करना घातक होता है और आपके जीवन को जहन्नुम बना देता है। लेकिन फिर भी दिमाग में एक सवाल तो उठता ही है कि भला दुनिया का कौन सा ऐसा नशा है जिसकी लत सबसे बुरी है? शोधकर्ताओं ने भी इस सवाल पर थोड़ा अध्ययन किया और उनके अनुसार किसी नशे की लत का अंदाजा कई बातों से लगाया जाता है। मसलन यह कितना नुकसानदायक है, इसको पाने की कीमत क्या है, इसकी कितनी मात्रा दिमाग के डोपामाइन सिस्टम को सक्रिय करती है, लोग ड्रग को कितना सुकून देने वाला बताते हैं, ड्रग को छोड़ने पर दिखने वाले लक्षण किस स्तर के होते हैं और कितनी आसानी से ड्रग एक व्यक्ति को अपना लती बना सकता है। साल 2007 में डेविड नट और उनके सहकर्मियों ने इस विषय से संबेधित विशेषज्ञों से सवाल-जवाब कर कुछ दिलचस्प परिणाम प्राप्त किये। अंग्रेजी साइट द कनवर्सेशन में सेंट एंड्र्यूज यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी और न्यूरोसाइंस के प्रोफेसर एरिक बोमैन ने इस पर अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसके परिणाम निम्न प्रकार से थे।
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हेरोइन
विशेषज्ञों ने हेरोइन को 3 में से अधिकतम 2.5 अंक देते हुए इसे सबसे ज्यादा एडिक्टिव ड्रग (लत वाला नशा) आंका है। जानवरों पर हेरेइन के परीक्षण से पता चला कि अफीमयुक्त नशा अर्थात हेरोइन की खुराक मिलते ही दिमाग में डोपामाइन का स्तर 200 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। सबसे ज्यादा लत वाला नशा होने के साथ ही विवादास्पद रूप से हेरोइन सबसे ज्यादा खतरनाक भी है। क्योंकि इसकी चरम आनंद देने वाली खुराक का मात्रा पांच गुना ही जानलेवा साबित हो सकता है। नुकसान पहुंचाने के मामले ज्यादा नुकसानदायक नशा कहा गया है।
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अल्कोहल
विशेषज्ञों से सवाल-जवाब के आधार पर शराब (अल्कोहल) को दुनिया का दूसरा सबसे लत वाला नशा माना गया। इसे लत वाले नशे की श्रेणी में 3 अंक में से 2.2 अंक दिये गये। जानवरों पर किए गए प्रयोगशाला परीक्षण में पता चला कि अल्कोहल दिमाग के डोपामाइन स्तर को 40 से लगबग360 प्रतिशत तक बढ़ा देती है। इसके अलावा जितना ज्यादा अल्कोहल लिया जाता है, डोपामाइन का स्तर भी उतना अधिक बढ़ता है। अल्कोहल का सेवन करने वाले तकरीबन 22 प्रतिशत, जीवन के किसी न किसी मोड़ पर इसके निर्भर हो जाते हैं।
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कोकीन
दरअसल कोकीन लेने पर यह न्यूरॉन्स को डोपामाइन का असर बंद करने का संकेत देने से रोकती है। जानवरों पर किए प्रयोग में कोकीन ने डोपामाइन के सामान्य स्तर को असामान्य ढंग से तीन गुना से अधिक कर दिया। अनुमान लगाया जाता है कि दुनिया में 1 करोड़ 40 लाख से लेकर 2 करोड़ लोग कोकीन का लत का शिकार हैं। क्रैक कोकीन को विशेषज्ञों द्वारा तीसरा सबसे खतरनाक नशा माना गया है, जबकि पाउडर कोकीन को पांचवे स्थान पर रखा गया है। एक अनुमान के मुताबिक कोकीन को एक बार आजमाने वाले करीब 21 फीसदी लोग जीवन में इस पर निर्भर हो जाते हैं।
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बार्बीचुरेट्स (डौनर्स)
नींद की गोली, ब्लू बुलेट्स, गोरिल्लाज, नेंबीज, बार्ब्स या पिंक लेडीज के नाम से भी प्रचलित बार्बीचुरेट्स एक ऐसे वर्ग के ड्रग हैं, जिनका इस्तेमाल शुरुआत में एंजाइटी से निपटने और नींद लाने के लिये किया जाता है। ये दिमाग केमिकल सिग्नलिंग को प्रभावित करते हैं, जिससे दिमाग के कई हिस्से काम करना बंद कर देते हैं। कम मात्रा में बार्बीचुरेट्स के सेवन से कल्पना के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुंचने (यूफोरिया) का अहसास होता है, जबकि इसकी ज्यादा मात्रा सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकती है औक जानलेवा साबित हो सकती है। नट और उनकी विशेषज्ञ टीम ने बार्बीचुरेट्स को चौथा सवार्धिक नशीला पदार्थ बताया।
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निकोटिन
निकोटिन तंबाकू में प्रमुख नशीला पदार्थ होता है। जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो फेफड़े निकोटिन सोख कर इसे दिमाग में भेजते हैं। निकोटिन (तंबाकू) को विशेषज्ञों द्वारा 12वां सबसे नशीला पदार्थ बताया गया है। लेकिन ऐसे कई कारण हैं जो ये साबित करते हैं कि निकोटिन बेहद ताकतवर नशीला पदार्थ है। विश्व स्वास्थ्य संघटन के एक अनुमान से पता पता चलता है कि दुनिया भर में 100 करोड़ धूम्रपान करने वाले हैं और 2030 तक इसके कारण प्रतिवर्ष 80 लाख से ज्यादा लोग हर साल मौत का शिकार होंगे।
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