योगी आदित्यनाथ के विरोध में सेक्युलर तत्व पगलाए हुए है
इन सेक्युलर तत्वों की बौखलाहट को देखकर पूरी दैनिक भारत की टीम को खूब हंसी आ रही है
इन लोगों को भारी आघात लग चूका है, कैसे बन गए योगी मुख्यमंत्री
योगी के विरोध में सेक्युलर तत्व निराधार और तर्कहीन बातें रह रहे है, जिसे सुनकर बहुत हंसी आ रही है
अब विरोध करना है तो तर्क से करो, पर नहीं
हिन्दू संत योगी से इन सेक्युलर तत्वों को इतनी नफरत है की, मतलब कुछ भी बस विरोध करो
* बहुत से सेक्युलर तत्व कह रहे है की, योगी के पास प्रशासनिक अनुभव नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहिए थे, उनकी जगह किसी और को बनाना चाहिए था, और न जाने ये सेक्युलर तत्व क्या क्या कह रहे है
आपको बता दें की, इन सेक्युलर तत्वों ने अपने जीवन में कभी खुद से भी नहीं पूछा की
* जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा नेहरू और राजीव खान के पास प्रधानमंत्री बनने से पहले कितने साल का प्रशासनिक अनुभव था, वो कहाँ के मुख्यमंत्री थे, या कहाँ से प्रशासनिक अनुभव लेकर आये थे ???
* 2012 में मुख्यमंत्री बनने से पहले इन सेक्युलरों के चहेते अखिलेश यादव के पास कितने साल का प्रशासनिक अनुभव था ???
* और 2015 में मुख्यमंत्री बनने से पहले सेक्युलरों के चहेते अरविन्द केजरीवाल के पास कितने साल का
प्रशासनिक अनुभव था ?
या ये तमाम लोग अपनी अपनी माता के पेट से ही प्रशासनिक अनुभव लेकर आये थे
यहाँ हम आपको बता देना चाहते है, की ऊपर के इन तमाम नामो से ज्यादा प्रशासनिक अनुभव आदित्यनाथ के पास पहले से मौजूद है, वो 2 दशकों से सांसद है, लोकप्रिय नेता है, जनाधार वाले नेता है
योगी एक बड़ा मठ चलाते है, पूरा संगठन चलाते है, उसका प्रशासनिक अनुभव उनके पास है
पर हमारे सेक्युलर तत्व, इनको बस योगी विरोध करना है इसलिए तर्कहीन और निराधार बातें रख रहे है
पर जनता भी अब मुर्ख नहीं है और इन सेक्युलरों के और भी बुरे दिन आने वाले है
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