
लखनऊ – यूपी के नए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कमान संभालते ही अपने सख्त तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं। मंत्रिमंडल के बिना ही योगी ने अकेले यूपी को हिला के रखा हुआ है। वो अकेले पूरे जी-जान से काम में जुट गये हैं। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा के बाद से ही सिर्फ इस बात कि चर्चा है कि वो कैसे सीएम साबित होंगे? क्या वें अपनी कट्टरवादी हिंदु छवि को छोड़ पाएंगे? वें पीएम मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के रास्ते पर चल पाएंगे? लेकिन योगी बूचड़खानों को बंद कराने के बाद आगे जो करन जा रहे हैं उससे कहा जा सकता है कि बीजेपी ने एक योग्य व्यक्ति को यूपी की कमान सौपी है। Yogi adityanath close slaughterhouses.

आने वाले दिनों में ये सब होंगे बंद –
योगी सरकार ने सबसे पहला वार अवैध बूचड़खानों पर किया है। तमाम शहरों में अवैध बूचड़खानों को प्रशासन ने बंद करा दिया। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा को तहरीर दी और महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड शुरु हो चुका है। योगी ने सूबे की जनता को आश्वस्त किया कि बीजेपी के शासनकाल में यूपी दंगा मुक्त प्रदेश बनेगा।
ऐसे में ऐसी उम्मीद की जा रहा है कि गुजरात मॉडल को यूपी में लागू किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो यूपी में भी योगी गुजरात और बिहार के बाद शराबबंदी लागू कर सकते हैं। योगी ने सदन में कहा कि यूपी को विकास की राह पर ले जाया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यूपी में इतना विकास होगा कि वहां के नौजवानों को घर नहीं छोड़ना पड़ेगा।
बूचड़खानों के बंद होने से होगा 11 हजार करोड़ का नुकसान –
समुचे उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों के बंद होने से कुछ लोगों में डर है। योगी ने पद संभालते ही तमाम बूचड़खानों का बंद करने का ऐलान किया है। ऐसे में रजिस्टर्ड बूचड़खानों के मालिकों के सामने यूपी सरकार के इस तरह के सख्त कदम से उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा। आपको बता दें कि यूपी में फिलहाल करीब 356 बूचड़खाने हैं जिनमें से 40 ही वैध हैं।
गौरतलब है कि यूपी में अवैध बूचड़खानों को बंद करने से राज्य को हर साल करीब 11 हजार 350 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। एनजीटी के 2016 के आदेश के अनुसार इलाहाबाद के 2 अवैध बूचड़खानों को सीज किया जा चुका है। हालांकि, यूपी सरकार ने यह भी आश्वसन दिया है कि केवल अवैध बूचड़खानों को ही सील किया जाएगा।
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