
मोदी और योगी जादू चल पड़ा यूपी में नहीं कटा कोई भी पशु आज कत्लखाने में !
यूपी में जो वादा बीजेपी ने किया था उस पर अमल होना शुरू हुआ गौभक्तों में ख़ुशी की लहर.यूपी में भाजपा की सरकार बनते ही कमेलों में खून बहना बंद हो गया है। शनिवार को मेरठ के कमेलों में पशुओं का कटान नहीं हो सका।
आज पूरा दिन मांस की कंपनियों के बाहर पुलिस का पहरा रहा।आज से पहले यहाँ पुलिस जाने से डरती थी क्योकि कत्लखानों को यूपी सरकार का संरक्ष्ण मिला हुआ था,लेकिन अब यूपी में अच्छे दिन आ चुके है और आज से उसकी शुरुआत हुई है .हर में मांस की आपूर्ति नहीं हो सकी। भाजपा के घोषणा पत्र का असर पहले ही दिन दिखाई दिया। जिसको लेकर जहां मांस कारोबारियों में नाराजगी है वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं में हर्ष की लहर है।
बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में यूपी में कत्लखाने बंद करने की बात थी,और आज इसका असर सुबह दिन निकलते ही दिखने को मिला। आज वो पुलिस ही कत्लखानो के बाहर खड़ी थी जो कल तक हिंदु संगठन कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद भी कत्लखानों पर करवाई करने से डरती थी और गौ हत्या करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती थी। वही पुलिस शनिवार हापुड़ रोड स्थित मांस की कंपनी यानी कमेलों के आसपास मंडराती नजर आयी। जिसके कारण हापुड़ रोड स्थित कमेलों में न तो कोई पशु पहुंचा और न ही पशुओं का कटान हो सका। जिन कमेलों की नालियों में खून बहता था वह सूख गई। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ही ली थी कि पशु हत्यारों के होश उड़ने शुरू हो गए।
शनिवार को मुस्लिम बाहुल्य जाकिर कालोनी, रशीद नगर, इस्लामाबाद, लिसाड़ी रोड, हापुड़ रोड आदि क्षेत्रों में इन दुकानों पर मांस नहीं दिखाई दिया। यहाँ तक की दुकाने तक नहीं खुली.यहाँ हर दिन 250 से 300 पशुओं के मांस की खपत बतायी जाती रही है। वह अलग है कि शहर में मांस आपूर्ति की आड़ में प्रतिदिन कई हजार पशुओं का कटान होता रहा है। जहाँ प्रतिदिन सैंकड़ों पशुओं का लाया जाता था वहां शनिवार को सबकुछ बदला बदला नजर आया। यानी न तो गाड़ियों में लादकर पशुओं को लाया गया। और न हीं पशुओं का कटान हुआ।
कत्लखानो में पशु कटान के चलते पशुओं की चोरी की घटनाएं आम होती रही हैं। पशु चोरी करके रातोंरात पशुओं का कटान हो जाता था। लेकिन अब पशु हत्या पर प्रतिबंध लगेगा। वहीं पशु चोरी की घटनाएं भी नहीं होंगी। इतना ही नहीं गौ वंश हत्या पूरी तरह बंद हो जाएंगी।पशुओं का कटान कत्लखानो में ही नहीं बल्कि गली मोहल्लों में भी होता है। महानगर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में नाले, सड़क पर ही पशुओं का कटान होता रहा है। पुलिस के संरक्षण में यह कारोबार पूरी तरह फलता फूलता रहा।
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