
भारत सरकार एक बहुत बड़ा फैसला लेने जा रही है,हो सकता है इस फैसले की वजह से मोदी जी और उनकी सरकार को विरोध भी झेलना पड़े लेकिन फिर भी देशहित में मोदी ये बड़ा फैसला करने वाले हैं.खबरों की माने तो मोदी सरकार कश्मीर और देश के दुसरे हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे म्यांमार के करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करके उनके देश वापिस भेजने की तैयारी में है.
भारत सरकार एक बहुत बड़ा फैसला लेने जा रही है,हो सकता है इस फैसले की वजह से मोदी जी और उनकी सरकार को विरोध भी झेलना पड़े लेकिन फिर भी देशहित में मोदी ये बड़ा फैसला करने वाले हैं.खबरों की माने तो मोदी सरकार कश्मीर और देश के दुसरे हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे म्यांमार के करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करके उनके देश वापिस भेजने की तैयारी में है.
जब ये भारत में घुसे थे उन्हें तो उसी वक़्त बाहर फेंक देना चाहिए था लेकिन भारत की जो मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति है उसका कोई मुकाबला नहीं.पहले ममता बनर्जी ने बंगाल को खत्म किया बांग्लादेशियों को बंगाल में बसा कर अब बारी कश्मीर की थी लेकिन समय रहते मोदी सरकार जाग गयी और इस मुद्दे पर कड़ी करवाई करने के पक्ष में भी है.
ये लोग म्यांमार से भारत-बांग्लादेश सीमा, भारत-म्यांमार सीमा या फिर बंगाल की खाड़ी पार करके अवैध तरीके से भारत आए हैं। ज्यादातर जम्मू और साम्बा जिलों में रह रहे हैं !
यहां अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने उच्चस्तरीय बैठक बुलायी थी। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बराज राज शर्मा और पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने भी हिस्सा लिया था। गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हम रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के तरीके तलाश रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर सरकार के आकलन के अनुसार, रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या करीब 5700 है, हालांकि यह बढ़कर 10,000 तक पहुंच सकती है। देश के विभिन्न भागों में करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं, और वे सभी अवैध तरीके से भारत आए हैं।
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