भोपाल(29 अप्रैल): मध्य प्रदेश के झाबुआ के 55 छात्रों ने आईआईटी जेईई मेन 2017 की परीक्षा में सफलता हासिल की है। हैरान करने वाली बात यह है कि झाबुआ जिले की साक्षरता दर महज 43.3 प्रतिशत है। ऐसे में इतनी कम साक्षरता दर होने के बावजूद इतने छात्रों की सफलता को चमत्कार ही कहा जा सकता है।
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- इन 55 स्टू़डेंट्स में से ज्यादातर ऐसे पिछड़े गांवों से आते हैं जिन्हें सरकारी स्कूल में जाकर पढ़ने के लिए भी हर दिन कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था।
- किसी प्रफेशनल कोचिंग इंस्टिट्यूट में जाकर पढ़ाई करने का तो इन लोगों ने सपना भी नहीं देखा था। लेकिन उनके इस अनदेखे सपने को पूरा करने का बीड़ा उठाया एक युवा आईएएस अधिकारी अनुराग चौधरी ने।
- झाबुआ जिला पंचायत के सीईओ अनुराग चौधरी कहते हैं, 'अब नामुमकिन जैसा शब्द इन बच्चों की डिक्शनरी में है ही नहीं। सबसे बड़ा चैलेंज यह था कि झाबुआ में निरक्षरता का दर बहुत ज्यादा है और जो बच्चे पढ़ते भी हैं वह भी बेहद होनहार होने के बावजूद गणित चुनने से बचते हैं।'
- अनुराग चौधरी ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के लिए जिले के बेस्ट सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को इक्ट्ठा किया जिन्होंने स्कूल के बाद और छुट्टी के दिनों में इन बच्चों को घंटों पढ़ाना शुरू किया। इसके बेहतरीन परिणाम भी मिलने लगे। आईआईटी जेईई क्लियर करने वाला एक छात्र मोहित कुत्सेना हर दिन स्कूल जाने के लिए पैदल ही करीब 12 किलोमीटर का सफर तय करता था। लेकिन ऐसा करने में उसे कभी कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि उसके आसपास ऐसे लोग थे जिन्होंने उसपर भरोसा जताया। मोहित कहता है, 'स्कूल के बाद मिलने वाली कोचिंग से मुझे काफी फायदा हुआ खासतौर पर केमिस्ट्री में। मैं कंप्यूटर इंजिनियर बनना चाहता हूं और यहां से मुझे जो सपॉर्ट मिला उससे मैं अपने सपने को जरूर पूरा कर पाउंगा।'
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