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बड़ी खबर :पर्सनल लॉ बोर्ड पर भड़के जावेद अख्तर, पूछा- तीन तलाक का मिसयूज कैसा

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देश में तीन तलाक का मुद्दा आजकल काफी गरम है, लगातार इस मुद्दे पर नये बयान आ रहे हैं. मुस्लिम पर्सनल लॉ के तीन तलाक के मिसयूज़ वाले बयान पर सोमवार को ट्वीट कर मशहूर लेखक जावेद अख्तर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा कि 'आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक का मिसयूज करने वालों का बहिष्कार करने की बात कही है, ये चकमा देने वाली बात है. तीन तलाक वाली बात खुद में ही एक गाली है और इसे बैन किया जाना चाहिए.
मिसयूज़ का क्या मतलब?
जावेद अख्तर ने लिखा कि तीन तलाक का मिसयूज का मतलब क्या है ? क्या इसका कोई तुक बनता है, कल को हमें उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और रेप का गलत इस्तेमाल जैसा सुनने को मिलेगा.
क्या था बोर्ड का बयान
आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना वली रहमानी ने कहा था कि जो भी तीन तलाक पर जारी की गई आचार संहिता का उल्लंघन करेगा उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई इस तीन तलाक का मिसयूज करेगा तो ऐसे में कानून को नहीं बल्कि ऐसे लोगों को बदलने की जरूरत है.
मुस्लिम महिलायें शरीयत के साथ
आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बेवजह तीन तलाक देने वाले शख्स का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है. मुस्लिम बोर्ड ने तीन तलाक पर 5 करोड़ महिलाओं के सर्वे का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिम महिलाएं शरीयत के साथ हैं. मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने लखनऊ में चली दो दिन की बैठक के बाद साफ किया कि तलाकशुदा महिलाओं की हर संभव मदद के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड तैयार है.
बोर्ड ने मियां-बीवी के विवाद को लेकर कोड ऑफ कंडक्ट भी जारी किया और मुसलमानों को फिजूलखर्जी से बचने की सलाह दी. इसके साथ ही पर्सनल बोर्ड ने सलाह दी कि मां-बाप अपनी बेटी की शादी में दहेज ना देकर प्रोपर्टी में महिलाओं की हिस्सेदारी दें.
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