
बीएसएफ से बर्खास्त किए जा चुके जवान तेजबहादुर यादव गुरुवार को अपने घर रेवाड़ी पहुंचेगे. तेजबहादुर ने कहा कि वह इस मामले को लेकर सरकार से अपील करेंगे, अगर सरकार बात नहीं सुनती है तो वह कोर्ट जाएंगे. तेजबहादुर कोर्ट में वर्दी पहनकर ही अपने इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे. तेजबहादुर बोले कि वह अपनी सैलरी में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं चाहते हैं, बल्कि वह चाहते हैं कि बस जवानों को अच्छा खाना मिले और समय पर छुट्टियां मिलती रहे. उन्होंने कहा कि वह कोशिश करेंग कि इस मसले पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलूं.
मीडिया ने बचाई जान
तेजबहादुर बोले कि पहले मुझे पेंशन और रिटायरमेंट के कागजात तैयार करने को कहा गया, लेकिन बाद में सीधा बर्खास्त कर दिया गया. अब मुझे किसी भी प्रकार की पेंशन या रिटायरमेंट का फायदा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि मेरे साथ सही तरीके से ट्रायल नहीं किया गया है, मैं अपने साथी को गवाह के तौर पर पेश करना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. तेजबहादुर बोले कि मेरे वीडियो डालने के बाद खाने में लगभग 70 प्रतिशत तक सुधार आ चुका है. मुझे लगा कि वे लोग मुझे मार देंगे, लेकिन मीडिया ने मेरी जान बचाई.
तेजबहादुर बोले कि पहले मुझे पेंशन और रिटायरमेंट के कागजात तैयार करने को कहा गया, लेकिन बाद में सीधा बर्खास्त कर दिया गया. अब मुझे किसी भी प्रकार की पेंशन या रिटायरमेंट का फायदा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि मेरे साथ सही तरीके से ट्रायल नहीं किया गया है, मैं अपने साथी को गवाह के तौर पर पेश करना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. तेजबहादुर बोले कि मेरे वीडियो डालने के बाद खाने में लगभग 70 प्रतिशत तक सुधार आ चुका है. मुझे लगा कि वे लोग मुझे मार देंगे, लेकिन मीडिया ने मेरी जान बचाई.
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नहीं की मंत्री ने मदद
तेजबहादुर की पत्नी ने कहा कि हमें पूरे देश और रेवाड़ी से इस मुद्दे पर काफी समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि नेताओं ने हमारी उम्मीद को तोड़ा, वह केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत राव से मुलाकात की थी. वह यहां से सांसद हैं, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की. तो वहीं तेजबहादुर के बेटे ने कहा कि वह कभी भी सेना में नहीं जाएगा. वहां काफी भ्रष्टाचार है, वह इंजीनियर बनना चाहता है.
तेजबहादुर की पत्नी ने कहा कि हमें पूरे देश और रेवाड़ी से इस मुद्दे पर काफी समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि नेताओं ने हमारी उम्मीद को तोड़ा, वह केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत राव से मुलाकात की थी. वह यहां से सांसद हैं, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की. तो वहीं तेजबहादुर के बेटे ने कहा कि वह कभी भी सेना में नहीं जाएगा. वहां काफी भ्रष्टाचार है, वह इंजीनियर बनना चाहता है.
आपको बता दें कि बुधवार को बीएसएफ ने जवान तेजबहादुर यादव को बुधवार को बर्खास्त कर दिया था. जांच में पाया गया था कि तेजबहादुर यादव के कारण बीएसएफ की छवि को नुकसान पहुंचा है. आपको बता दें कि तेज बहादुर यादव ने कुछ समय पर सुरक्षा बलों को मिलने वाले खराब खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, जो कि वायरल हो गया था. वीडियो के वायरल होने के कारण इस मुद्दे पर काफी बवाल मचा था.
क्या कहा पत्नी शर्मिला ने?
तेजबहादुर यादव को बीएसएफ से बर्खास्त करने के फैसले पर तेजबहादुर यादव की पत्नी शर्मिला ने कहा सरकार ने काफी गलत किया है. उन्होंने बस वहां की स्थिति दर्शाया था. 20 साल से ऊपर की नौकरी के बाद बीएसएफ से बर्खास्त किए जाने का कदम काफी गलत है.
तेजबहादुर यादव को बीएसएफ से बर्खास्त करने के फैसले पर तेजबहादुर यादव की पत्नी शर्मिला ने कहा सरकार ने काफी गलत किया है. उन्होंने बस वहां की स्थिति दर्शाया था. 20 साल से ऊपर की नौकरी के बाद बीएसएफ से बर्खास्त किए जाने का कदम काफी गलत है.
क्या ने क्या लगाए थे आरोप?
तेज बहादुर यादव ने वीडियो में आरोप लगाया था कि बीएसएफ जवानों को मिलने वाली दाल और परांठे की क्वालिटी बेहद खराब है. उनका कहना था कि कई बार जवानों को 11 घंटे बर्फ में खड़ा रहने के बाद भूखे पेट सोना पड़ता है. यादव का दावा था कि जवानों को मिलने वाले राशन में सीनियर अफसर धांधली कर रहे हैं. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए थे.
तेज बहादुर यादव ने वीडियो में आरोप लगाया था कि बीएसएफ जवानों को मिलने वाली दाल और परांठे की क्वालिटी बेहद खराब है. उनका कहना था कि कई बार जवानों को 11 घंटे बर्फ में खड़ा रहने के बाद भूखे पेट सोना पड़ता है. यादव का दावा था कि जवानों को मिलने वाले राशन में सीनियर अफसर धांधली कर रहे हैं. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए थे.
बीएसएफ ने ये दी थी सफाई
बीएसएफ ने गृह मंत्रालय को सौंपी गई शुरुआती रिपोर्ट में यादव के आरोपों को सिरे से खारिज किया था. हालांकि मामले की अंतिम रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. लेकिन बीएसएफ ने गृह मंत्रालय को बताया है कि 29वीं बटालियन के किसी दूसरे जवान ने यादव के आरोपों की तस्दीक नहीं की थी.
बीएसएफ ने गृह मंत्रालय को सौंपी गई शुरुआती रिपोर्ट में यादव के आरोपों को सिरे से खारिज किया था. हालांकि मामले की अंतिम रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. लेकिन बीएसएफ ने गृह मंत्रालय को बताया है कि 29वीं बटालियन के किसी दूसरे जवान ने यादव के आरोपों की तस्दीक नहीं की थी.
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