
नई दिल्ली(18 अप्रैल): उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह कोरियन प्रायद्वीप को 'दुनिया की सबसे संवेदनशील जगह' बना रहा है और 'एक खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है जिसकी वजह से कभी भी परमाणु युद्ध छिड़ सकता है'।
- संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के उपराजदूत किम इन-र्योंग ने युद्ध को लेकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सबसे आक्रामक अभ्यास के बारे में बताया और कहा कि उनका देश 'अमेरिका द्वारा युद्ध के किसी भी तरीके पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है'।
- उत्तर कोरिया के उपविदेश मंत्री हन सोंग-र्योल ने बताया कि प्योंगयांग 'साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक स्तर पर मिसाइल परीक्षण जारी रखेगा'।
- उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ने सैन्य कार्रवाई की तो इसका परिणाम युद्ध होगा। उत्तर कोरिया के अधिकारियों के ये बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के बयानों के बाद आए। डॉनल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को 'सही व्यवहार करने' और माइक पेंस ने उसके मिसाइल परीक्षणों को लेकर 'रणनीतिक सहनशीलता के खत्म' होने की बात कही थी।
- उधर रूस के विदेश मंत्री सरगेई लवरोफ ने पत्रकारों को बताया कि वह उम्मीद करते हैं कि हाल में 'सीरिया में अमेरिका द्वारा किए गए एकतरफा हमले जैसी कार्रवाई और नहीं होंगी और अमेरिका अपनी सीमा में रहेगा जैसा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपने इलेक्शन कैंपेन में बार-बार कहते थे'। इस बीच चीन ने भी हालात को देखते हुए बातचीत की ओर बढ़ने की अपील की है।
- विदेश मंत्री लू कंग ने कहा कि कोरियन प्रायद्वीप में बढ़ते संकट को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चीन इस मसले पर कई दलों के बीच बातचीत की शुरुआत कराना चाहता है जो कि 2009 में आए गतिरोध की वजह से बंद हो गई थी। उन्होंने अमेरिका को हिदायत दी कि दक्षिण कोरिया में उसका मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात करना चीन से उसके रिश्तों को नुकसान पहुंचा रहा है।
- वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा, 'यह कहने की जरूरत ही नहीं है कि शांति बनाए रखने के लिए कूटनीतिक प्रयास महत्वपूर्ण है। लेकिन केवल बातचीत करने के लिए बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है।' उन्होंने चीन और रूस की भूमिका पर कहा, 'हमें उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने की जरूरत है ताकि वह बातचीत के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति गंभीरता दिखाए।'
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