
इस साल जुलाई में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. कयास लगाया जा रहा था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी इस पद के लिए प्रबल दावेदार है. बुधवार सुबह बाबरी मस्जिद विध्वंश केस में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इन दोनों दावेदारों को लगभग दौड़ से बाहर कर दिया है. कोर्ट के फैसले के मुताबिक अब जोशी और आडवाणी समेत बीजेपी के 13 नेताओं पर आपराधिख षडयंत्र रचने का मुकदमा चलाया जाएगा.
इससे पहले बीजेपी की तरफ से लगातार संकेत दिए जा रहे थे कि आडवाणी के अलावा मुरली मनोहर जोशी देश के नए राष्ट्रपति बनाए जा सकते हैं. राजनीतिक हल्कों में माना जा रहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जोशी की दावेदारी पर विचार कर रही है और जल्द ही इस नाम पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर ली जाएगी.
अभी मिला है पद्म विभूषणगौरतलब है कि इसी साल मोदी सरकार ने जोशी को पद्म विभूषण सम्मान भी दिया है. दोनों जोशी और लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं. हालांकि दोनों नेता शुरुआत में मोदी सरकार से असहमति के संकेत देते रहे लेकिन हाल में इन नेताओं से संबंध मोदी और अमित शाह से सुधर रहे थे.
साथ किया था डिनरहाल ही में भुवनेश्वर में हुई पार्टी कार्यकारिणी में पीएम मोदी और मुरली मनोहर जोशी ने अमित शाह के आमंत्रण पर एक साथ डिनर किया था. इससे पहले जून 2016 में इलाहाबाद में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मौके पर भी दोनों नेताओं में बढ़ती करीबी का संकेत दिया गया था. इन संकेतों के बाज माना जा रहा था कि पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष उनकी उम्मीदवारी पर मुहर लगवाने की कोशिश में हैं.
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