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बड़ी खबर : अमेरिका के "MOAB" अटैक से भारत को मिली बड़ी राहत, ISIS का खुरासान मॉड्यूल तबाह

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अमेरिका ने गुरुवार को अफगानिस्तान के नंगरहार में खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. अमेरिका ने आईएस के ठिकानों पर MOAB (मदर ऑफ ऑल बॉम्ब) यानी 'सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम' गिराया. बताया जा रहा है कि अमेरिका के इस हमले में आईएस के खुरासान मॉड्यूल का नामोनिशान मिट गया है. ये भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है.
मिली जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में जिस जगह अमेरिका ने सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम GBU-43/B गिराया, वो जगह आईएस आतंकियों के खुरासान मॉड्यूल का मुख्यालय मानी जाती थी. इस हमले में सैकड़ों आईएस आतंकियों समेत 20 भारतीय आतंकियों के मारे जाने की भी खबर है. हालांकि मारे गए आतंकियों के बारे में अभी कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है.
बताया जा रहा है कि मारे गए खुरासान मॉडयूल के भारतीय आतंकी आईएस के गुप्त ठिकानों पर आतंकी ट्रेनिंग ले रहे थे. मारे गए ज्यादातर युवा दक्षिण भारत के रहने वाले थे. भारतीय युवकों के अलावा बांग्लादेश और मालदीव के कुछ युवक भी वहां आतंक की ट्रेनिंग ले रहे थे. बताते चलें कि पिछले महीने लखनऊ में सैफुल्ला नाम के एक आतंकी को एनकाउंटर में मार गिराया गया था.
जिसके बाद इस केस की पड़ताल करते हुए कानपुर से भी कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था. यूपी एटीएस को इनके पास से ऐसे दस्तावेज मिले थे, जिनसे पता चला था कि ये सभी आईएस के खुरासान मॉड्यूल से प्रभावित थे. खुफिया एजेंसियों की मानें तो आईएस के खुरासान मॉड्यूल ने अफगानिस्तान में केरल के उन 21 लड़कों को भी ट्रेनिंग दी थी, जो पिछले साल लापता हो गए थे.
क्या है ISIS का खुरासान मॉड्यूल
गौरतलब है, खुरासान अफगानिस्तान का पुराना नाम है. इसी के नाम पर आईएस के इस आतंकी मॉड्यूल का गठन किया गया है. आईएस के खुरासान मॉडयूल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का खुला समर्थक माना जाता है. वहीं आईएस भी इसी मॉड्यूल के जरिए जेहादी तैयार करता है.
भारत समेत एशिया पर कब्जा करने की ख्वाहिश
खुरासान मॉड्यूल के जरिए ही आतंकवादी संगठन आईएस भारत समेत एशिया के बड़े हिस्से पर अपना कब्ज़ा जमाना चाहता है. आईएस के खुरासान मॉड्यूल ने 2020 तक भारत समेत दुनिया के कई देशों को अपने चंगुल में जकड़ने की बात कही थी. सूत्रों की मानें तो हमले के बाद अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह बम गिराया गया है, वहां पर करीब 700 आईएस आतंक की ट्रेनिंग ले रहे थे. अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यहां करीब 2500 लोग कट्टरवादी गतिविधियों में संलिप्त हैं.
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