आरबीआई की ओर से अमेजन इंडिया को देश में ई-वॉलेट सेवा के लिए मंजूरी मिल गई है
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया को देश में प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) या मोबाइल वॉलेट शुरू करने के लिए लाइसेंस प्राप्त हो गया है। भारत में डिजिटल पेमेंट के बढ़ते दायरे के बीच अमेजन की यह एंट्री उसे अपने प्रतिस्पर्धियों फ्लिपकार्ट की फोन-पे और अलीबाबा की सर्विस पेटीएम के मुकाबले मजबूती से खड़ा करती है।
इस अमेरिकी कंपनी को भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान बाजार में प्रवेश करने में मदद मिलेगी। कंपनी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “केंद्रीय बैंक से उसे पीपीआई लाइसेंस मिलने की खुशी है। हमारा पूरा ध्यान ग्राहकों को सुविधाजनक व विश्वसनीय कैशलैस भुगतान अनुभव प्रदान करने पर है।”
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2016 में अमेजन ने लॉन्च की पे बैलेंस सर्विस टू कैशदिसंबर 2016 में अमेजन ने अपनी पे बैलेंस सर्विस टू कैश को लॉन्च किया था। अमेजन पे का संचालन गिफ्ट कार्ड प्रदाता क्विककिल्वर को जारी किए गए पीपीआई लाइसेंस पर हो रहा है, जिसमें अमेजन ने 2014 में निवेश किया था। अब यह प्रीपेड वॉलेट सर्विस भी लॉन्च कर सकता है ताकि यह पेटीएम और स्नैपडील के मोबाइल वॉलेट से कड़ा मुकाबला कर सके।
गौरतलब है कि अभी तक अमेजन की ओर से क्लोज्ड मोबाइल वॉलेट अमेजन-पे का उपयोग किया जा रहा है, जिसका उपयोग केवल अमेजन पोर्टल पर भी किया जा सकता है। लेकिन आरबीआई के लाइसेंस के बाद अब अमेजन भी पेटीएम, मोबिक्विक जैसे अन्य वॉलेट की तरह उपयोग किया जा सकेगा।
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