
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि कोई भी बैंक लिखे हुए नोटों को लेने से इनकार नहीं कर सकते हैं. बैकों को ऐसे नोट स्वीकार करने होंगे. केंद्रीय बैंक ने कहा कि ऐसे नोट नोट्स को 'गंदे नोट्स' के रूप में माना जाना चाहिए और आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के अनुसार निपटा जाना चाहिए. आरबीआई ने इस तरह का एक आदेश सभी बैंकों को जारी किया है.
दरअसल इस तरह की शिकायतें आ रही थीं कि कई ब्रांच इस तरह के नोट नहीं स्वीकार कर रही हैं जो धुलने की वजह से फेड हो गए हों या जिन पर कुछ लिखा गया हो. 500 व 2000 के नए नोटों के साथ खासतौर पर इस तरह की दिक्कत आ रही है.
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर अफवाहें उड़ रही थीं कि इस तरह के नोट अब नहीं चलेंगे. इसी के चलते कुछ बैंकों की ब्रांच लिखे हुए या धुले हुए नोट जमा नहीं कर रहीं थीं. इसी के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने यह आदेश जारी किया है.
आरबीआई ने दिसंबर 2013 में जारी आदेश का ध्यान दिलाया, जिसे ऐसी ही अफवाहों के जवाब में जारी किया गया था कि 2017 के बाद से बैंक ऐसी किसी भी नोट को स्वीकार नहीं करेंगी जिन पर कुछ भी लिखा होगा. आरबीआई ने तब भी कहा था कि उसने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है.
बैंक ने स्पष्ट किया कि नोट पर कुछ भी न लिखने का निर्देश बैंक कर्मचारियों के लिए था क्योंकि बैंक कर्मचारी स्वंय ही नोटों पर लिखने के आदी थे जोकि रिजर्व बैंक की क्लीन नोट पॉलिसी के खिलाफ है.
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