
रिश्ता एक बहुत ही नाजुक कड़ी है। रिलेशनशिप अपने आप में एक अंतहीन विषय है। माता -पिता ,भाई -बहन, पिता-पुत्र ,माता-पुत्री, दोस्त और कभी कभी दुश्मन भी और भी न जाने कौन -कौन से रिश्ते। लेकिन आज बात हम उस खास रिश्ते की करते है। जो दो अजनबी लोगो के बीच का है, दो लोग जो एक दूसरे से बिलकुल अलग है, लेकिन फिर भी एक अनूठे रिश्ते में बंधे है।
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रिलेशनशिप:
अगर हम किसी व्यक्ति के साथ एक रिश्ते में जुड़ना चाहते है, तो इसका ये अर्थ है, हम उसे उसकी अच्छाइयों बुराइयों के साथ अपनाने को राजी है, फिर चाहे उस राह में हमे कितने ही समझौते क्यों न करने पड़े।
अहम् के कारण बिगड़ता है रिश्ता:
अगर एक रिश्ते को निभाने में अपने अहम् को झुकाना पड़े ,तो ये गलत नहीं। जब दो लोगो में मतभेद होते है तो हमारा अहम् इतना महत्वपूर्ण हो जाता है की हम रिश्ता बचाने की कोशिश छोड़ रिश्ता तोड़ने की पहल कर देते है। कही ऐसा तो नहीं की हम अपनी प्राथमिकता को समझ नहीं पाने के मुगालते में एक ऐसे रिश्ते की बलि चढ़ा जाते है।
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हमसफर का साथ:
जिंदगी की राहे बहुत मुश्किल है और मुश्किल राहो में हमसफर साथ होना चाहि, जिंदगी की लड़ाई आसान हो जाती है। आज के दौर में रिलेशन एक ट्रेड है जिसे सब फॉलो करते है जस्ट लाइक फेसबुक ,ट्विटर एंड इंस्टा. शादी के पहले लीव - इन में रहना चाहते है, ताकि एक दूसरे को समझ सके।
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