
नई दिल्ली -जातीय हिंसा से चिंतित केंद्र सरकार को यूपी सरकार ने सहारनपुर पर रिपोर्ट भेज दी है. योगी सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में हालात सामान्य होने का दावा किया है. योगी सरकार ने गृहमंत्रालय को जो रिपोर्ट भेजी उसमें तारीखवार सभी घटनाओं का ब्यौरा सौंपा है.
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# रिपोर्ट में बताया गया कि जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतने के आरोप में जिला प्रशासन के बड़े अफसरों पर हुई कार्रवाई. गृहमंत्रालय ने हालात से निपटने के लिए चार कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स भेजी है साथ ही राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
रिपोर्ट में योगी सरकार ने क्या बताया ?
# गृहमंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में योगी सरकार ने बताया कि 5 मई को एक युवक की हत्या हुई थी और करीब 35 लोग घायल हुए थे. इस दिन पुलिस ने 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज की और 17 लोगों को गिरफ्तार किया.
# गृहमंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में योगी सरकार ने बताया कि 5 मई को एक युवक की हत्या हुई थी और करीब 35 लोग घायल हुए थे. इस दिन पुलिस ने 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज की और 17 लोगों को गिरफ्तार किया.
# 9 मई को उग्र भीड़ ने 13 मोटर सायकिल, एक स्विफ्ट कार, एक रोडवेज बस और एक ट्रैक्टर ट्रॉली में आग लगा दी. इसमें 12 पुलिस अधिकारी भी जख्मी हुए. 9 मई की घटना के बाद 34 एफआईआर दर्ज की गयीं और 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
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# रिपोर्ट में बताया गया कि 23 मई 2017 को मायावती की रैली से लौट रहे तीन लोगों पर चन्द्रपुर गांव के पास कुछ अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हमला किया. इसके बाद एक शख्स को गोली भी मारी गयी. 23 मई को 3 लोगों पर एफआईआर 24 लोगों को गिरफ्तार किया.
क्यों सौंपी योगी सरकार ने रिपोर्ट?
# सहारनपुर में दस दिन से जारी जातीय हिंसा से चिंतित केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य की योगी सरकार से रिपोर्ट मांगी है. गृहमंत्रालय ने राज्य सरकार से पूछा है प्रशासन इतने दिनों से जारी हिंसा रोकने में क्यों नाकाम रहा है.
# सहारनपुर में दस दिन से जारी जातीय हिंसा से चिंतित केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य की योगी सरकार से रिपोर्ट मांगी है. गृहमंत्रालय ने राज्य सरकार से पूछा है प्रशासन इतने दिनों से जारी हिंसा रोकने में क्यों नाकाम रहा है.
# दरअसल केंद्र सरकार इस बात से चिंतित है कि कहीं सहारनपुर की हिंसा राज्य के दूसरे जिलों में ना फैल जाए. सहारनपुर में हिंसा पर आईबी ने केंद्र को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें भी ऐसी ही आशंका जतायी गई थी.
# आईबी की रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर हिंसा जल्द नहीं रुकी तो यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों फैल सकती है क्योंकि राजनैतिक और धार्मिक गुट इस हिंसा में दोनों पक्षों को उकसाने में लगे है.
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