जम्मू-कश्मीर के मेंढर सेक्टर में सोमवार को एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से सीजफायर तोड़ा गया. इस दौरान हमारे दो जवान शहीद हो गये. बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम की ओर से भारतीय जवान के शव के साथ बर्बरता की गई है. यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय जवानों के शवों के साथ ऐसा किया हो. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. पढ़ें ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में -
जब 2008 में PAK ने काटा था एक जवान का सिर
जून 2008 में केल सेक्टर में पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम ने 2/8 गोरखा राइफल के एक जवान का गला काट दिया था. ये जवान पेट्रोलिंग के दौरान रास्ता भटक गया था. बाद में उसका शव बिना सिर के बरामद हुआ. उसके बाद एक जवाबी हमले में भारतीय सेना के जवान चार पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काटकर लेकर आए. इस जवाबी हमले में पाकिस्तान के कुल आठ जवान मारे गए.
जून 2008 में केल सेक्टर में पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम ने 2/8 गोरखा राइफल के एक जवान का गला काट दिया था. ये जवान पेट्रोलिंग के दौरान रास्ता भटक गया था. बाद में उसका शव बिना सिर के बरामद हुआ. उसके बाद एक जवाबी हमले में भारतीय सेना के जवान चार पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काटकर लेकर आए. इस जवाबी हमले में पाकिस्तान के कुल आठ जवान मारे गए.
जब 2013 में दो जवानों का काटा था सिर
इसी तरह 8 जनवरी 2013 को दो भारतीय जवानों हेमराज और सुधाकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उस दिन सीमापार पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स के साथ आए लश्कर और जैश के 15 आतंकवादी सीमा पर तैनात जवान हेमराज और सुधाकर सिंह का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे.
इसी तरह 8 जनवरी 2013 को दो भारतीय जवानों हेमराज और सुधाकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उस दिन सीमापार पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स के साथ आए लश्कर और जैश के 15 आतंकवादी सीमा पर तैनात जवान हेमराज और सुधाकर सिंह का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे.
माछिल सेक्टर में भी हुआ था ऐसा
22 नवंबर 2016 को माछिल सेक्टर में गश्त लगा रही सेना की टुकड़ी पर घुसपैठियों ने घात लगाकर हमला किया था. इस हमले में जहां तीन जवान मारे गए वहीं एक जवान का शव उन्होंने क्षत-विक्षत कर दिया.
22 नवंबर 2016 को माछिल सेक्टर में गश्त लगा रही सेना की टुकड़ी पर घुसपैठियों ने घात लगाकर हमला किया था. इस हमले में जहां तीन जवान मारे गए वहीं एक जवान का शव उन्होंने क्षत-विक्षत कर दिया.
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