
# रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा स्तुति को समर्पित है. अगर आपके मन में कई सारी इच्छाएं और मनोकामनाएं है तो आप रविवार का व्रत कर सकते हैं. सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है. कैसे करें इस व्रत की पूजा और कथा आइए जानें...
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कैसे दें सूर्य को अर्घ्य -
# पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य के अर्घ्यदान की विशेष महत्ता बताई गई है. प्रतिदिन प्रात:काल में तांबे के लोटे में जल लेकर और उसमें लाल फूल, चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर देनी चाहिए. इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं.
# पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य के अर्घ्यदान की विशेष महत्ता बताई गई है. प्रतिदिन प्रात:काल में तांबे के लोटे में जल लेकर और उसमें लाल फूल, चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर देनी चाहिए. इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं.

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सूर्य पूजा में करें इन नियमों का पालन -
# प्रतिदिन सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर और स्नान से कर लेना चाहिए.
# नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें.
# संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें.
# प्रतिदिन सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर और स्नान से कर लेना चाहिए.
# नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें.
# संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें.

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