
सुल्तानगंज। बिहार के सुल्तानगंज में एक अनोखी शादी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक पिता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह अपने बेटी की शादी दहेज देकर कर सके। ऐसे में कोलकाता से आए एक युवक ने मंदिर में उनकी बेटी से शादी रचाई।
जानिए क्या है पूरा मामला...
सुल्तानगंज की एक गरीब युवती से आदर्श विवाह कर एक नई मिसाल पेश की साथ ही दहेज लोभियों को भी सीख दी।
ब्लॉक के बाथ थाना क्षेत्र के करहरिया पंचायत स्थित पीपरा गांव निवासी दलित पिता उमेश पासवान की पुत्री काजल कुमारी की शादी शुक्रवार को गांव के दुर्गा मंदिर में सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में संपन्न हुई।
दुर्गा पूजा समिति पीपरा के सदस्यों की शादी करवाने में विशेष भूमिका रही। समिति अध्यक्ष अंजनी सिंह ने बताया कि लड़की के पिता पुत्री की शादी के लिए बहुत परेशान थे।
जेब में नहीं थे ढ़ाई सौ रुपए
लड़की के पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बाद समिति की ओर से शादी कराने का बीड़ा उठाया गया। इस कार्य के लिए ग्रामीण भी खुलकर सामने आए। पिता की गरीबी का एहसास उस समय सबको हुआ, जब शादी के दौरान ही किसी ने उन्हें भूलवश दो ढाई सौ रुपए का कोई समान लाने को कह दिया, लाचार पिता खुद को असमर्थ महसूस करते हुए रोने लगे। तभी एक ग्रामीण ने खुद सामान खरीदकर दिया। वर की खोज लड़की के चाचा ने की। शादी के लिए पूजा समिति सदस्यों ने लड़के वालों को राजी किया।
लड़की के पिता की गरीबी जानते हुए भी उन्होंने आदर्श शादी के लिए हामी भर दी। शादी समारोह में पंचायत की मुखिया चंदा कुमारी भी मौजूद थीं। रविवार को दुल्हन की विदाई होगी। पूरी पंचायत में यह शादी लोगों के लिए चर्चा का विषय रही।
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