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बड़ी खबर: प्रधानमंत्री ने बुलाई आपातकालीन बैठक अपनों (भाजपा) की भी ख़ैर नहीं !!

जब से नोट बंदी का एलान हुआ है  लगभग अब सारा विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ हो गया है । विपक्ष नोटबंदी के फैसले को जैसे मोदी सरकार की नाकामी बताने की असफल कोशिसों में जुटा है । बीते दिनों पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस धर्म युद्ध में कूदे और काफ़ी दिनों बाद बोले । हालाँकि उन्होंने भी नोट बंदी को मोदी सरकार की नाकामी ही बताया है ।
मनमोहन सिंह ने कहा कि दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं  जहाँ लोगों को अपने जमा पैसे बैंक से निकालने से रोका गया हो । लेकिन ये कहते हुए जाने क्यूँ मनमोहन सिंह ये भूल गये कि किसी को भी पैसे निकालने या ख़र्च करने से रोका नहीं गया है बल्कि निकालने की कुछ समय के लिए एक लिमिट है और चेक , ड्राफ़्ट , ऑनलाइन ख़र्च करने पर कोई भी लिमिट नहीं है मतलब ममोहन सिंह ने जो बोला वो तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह ग़लत था ।
लेकिन सोशल मीडिया के ख़बरियों और सूत्रों की मानें तो ख़ुद बीजेपी के अंदर भी सभी लोग नोटबंदी के मुद्दे  पर एक राय नहीं रखते ।
मोदी जी ने अभी हाल ही में अपनी कैबिनेट की बैठक बुलायी थी जिसमें बाक़ी फ़ैसलों के साथ मोदी जी का एक सख़्त आदेश ये था कि अगर काले धन के मामले में अपना भी कोई यानी कोई भाजपा वाला भी पकड़ा जाता है तो उसको भी छोड़ा ना जाए और ना ही कोई रियायत बरती जाए। मोदी जी ने सबको स्पष्ट रूप से कहा है बैंकों से उन सभी लोगों की लिस्ट ली जाए जिन्होनें तय सीमा से ज़्यादा पैसा अपने  खाते में जमा कराया है ।और इस बात के भी सख़्त निर्देश हैं कि अगर इस लिस्ट में कोई अपना व्यक्ति भी हो तो उसके खिलाफ भी वैसे ही कार्यवाही की जाये जैसी दूसरों के साथ होनी चाहिए। मोदी जी ने फ़ैसला किया है कि इनकम टेक्स डिपार्टमेंट को बिना किसी दबाव के काम करने दिया जाए ।
मोदी जी का स्पष्ट मत है अपना हो या पराया देश का पैसा खाने वालों को मैं छोड़ूँगा नहीं उनके इस कड़े रूख ने कुछ भाजपा नेताओं के भी हाथ पाँव फूला रखे हैं , कुछ भी हो PM हो तो ऐसा  !
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