यहूदी देश इजराइल अपने सख्त कानून के लिए जाना जाता है । इजराइल चारों तरफ से अपने दुश्मनों से भरा हुआ है फिर भी इजराइल के दुश्मन इजराइल से डरते है । विरोधी इजराइल को मुस्लिम विरोधी देश मानते है क्यूंकि इजराइल और सारे मुस्लिम देशों के बीच कुछ ना कुछ तकरार चलती रहती है ।इजराइल ने अपनी सुरक्षा के लिए सीमा पर एंटी बेलिस्टिक मिसाइल तैनात किए हुए है और वो किसी से नहीं डरता बल्कि अपनी आक्रामक नीति के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इजराइल की ख़ुफ़िया और खतरनाक एजेंसी मोसाद के चर्चे दूर दूर तक होते है, इसलिए इजराइल की कट्टर छवि बनी हुई है, खासकर मुस्लिम देशों में ।
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आज इजराइल की कट्टरता का एक और उदाहरण सामने आया है जिसमे इजराइल में रह रहे मुस्लिमों के नमाज लाउडस्पीकर पर चिल्लाने पर बैन लगा दिया है. इजराइली प्रधानमंत्री ने सांसद में एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमे लिखा है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर प्रतिबंधित होंगे क्यूंकि लाउडस्पीकर की आवाज से लोगों को परेशानी होती हैं. और ध्वनि प्रदुषण भी फैलता है. इस प्रस्ताव के पास होने के बाद मस्जिद के साथ- साथ इबादत की जाने वाली हर उस जगह पर जहाँ लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होता है, वहां लाउडस्पीकर को बैन कर दिया जाएगा ।
सांसद मोती योगेव ने कहा कि सूर्योदय से पहले ही लाउडस्पीकर में अल्लाह अख़बर की आवाजें आने लगती है, जिससे लोगों की नींद ख़राब होती है. इसलिए इस कानून के जरिये लोगों की नींद खराब होने से रोकना चाहते हैं. मोती योगेव का कहना है कि हम ना ही लोगों की ख़राब होने देना चाहते और ना ही मुस्लिमों की इबादत को. इस प्रस्ताव का विरोध भी हो रहा है. एक अरब सांसद ने आरोप लगाया है कि नेतन्याहू मुस्लिम विरोधी भावनाएं भड़का रहे हैं और इसलिए सभी मुस्लिमों को मस्जिदों की सुरक्षा के लिए एकजुट हो जाना चाहिए. लॉड शहर की मस्जिद के इमाम आदिल अल्फार ने कहा कि इस्लाम में इबादत का यही तरीका है, जो पिछले 1,426 वर्षों से वजूद में है ।
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