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इस देश के मुस्लिम भारत के मुस्लिमों को अपने घरों में टॉयलेट साफ़ करने वाला समझते है


भारतीय मुस्लिमों और पाकिस्तानी मुस्लिमों को खुद को अरबी मुस्लिम समझने या बनने की बड़ी ग़लतफहमी है! इन्हें लगता है कि अरबी नाम रख कर ये अरब के मुस्लिम बन जाएंगे! लेकिन असलियत में अरब के मुल्सिम इन्हें दुसरे दर्जे के धर्मान्तरित मुस्लिम ही समझते हैं और पेश भी वैसे ही आते हैं! भारत और पाकिस्तान के मुस्लिमों के प्रति आराम मुस्लिमों की मानसिकता ही ऐसी है कि वह इन्हें घरों में Tiolet साफ़ करने वाला समझते हैं! जी हाँ और इस बात का खुलासा तारिक फ़तेह ने किया है, जिन्हें की अरब देशों के मुस्लिमों की सोच से अच्छी तरह वाकिफ है!


तारिक फतेह ने कश्मीरी अलगाववादी सईद अहमद शाह गिलानी के बारे में कहा कि “इसका पहला नाम अरबी है और आखिरी इरानी, जबकि ये खुद को कश्मीरी बताता है!”
बता दें कि सऊदी अरब के पूर्व राजा जो अब जिंदा नहीं है, किंग अब्दुल्लाह ने तो यहां तक कह दिया था कि “पाकिस्तानी इंडियन खुद को कभी अरबी न समझे और न ही हमारी नकल करने की कोशिश करें!”
लेकिन फिर भी भारत और पाकिस्तान के बेवकूफ मुसलमान नहीं मानते और अपना अरबी नाम रखकर, खुद को अरबी समझने की कोशिश करते रहते हैं! और अरब वाले इन्हें अपने दर्जे का कभी नहीं समझते, हमेशा खुद से नीचे और अलग ही समझते हैं!
अन्य इस्लामिक स्टेट में भी भारत-पाक के मुसलमानों को छोटे दर्जे और जोखिम वाले काम दिए जाते हैं! जबकि वहां के अरबी मुल्सिमों को सुरक्षित और बेहतर काम दिए जाते हैं! फिर भी ये खुद को अरबी समझने और उनकी नकल करने से बाज़ नहीं आते!
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