नई दिल्ली [17 नवंबर]:-नोटबंदी को आज 9वां दिन है। तमाम लोग अपने 500 और1000 के नोटों के जमा करवाने और बदलवाने के लिए लाइन में खड़े हैं। लोगों के पास कैश की भारी क्राइसिस है। लेकिन 500 और 1000 के नोटबंदी का बैंक को जबर्दस्त फायदा हुआ है। महज 8 दिनों में देशभऱ के बैंकों में तकरीबन 4 लाख करोड़ रुपए डिपॉजिट हो गए हैं और सरकार को उम्मीद है कि 30 दिसंबर तक बैंकों में 10 लाख करोड़ रुपए के जमा हो जाएंगे।
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बड़े डिपॉजिट के बाद रिजर्व बैंक की लंबे समय से चली आ रही यह शिकायत भी दूर हो जाएगी कि बैंक उसके रेट कट का पूरा फायदा कस्टमर्स को नहीं दे रहे हैं। SBI की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य के मुताबिक आनेवाले दिनों में सभी रेट्स कम होंगे। बैंकों के पास काफी डिपॉजिट आ रहा है, लेकिन लोन की मांग कम है। इसलिए कुछ समय बाद लोन की दरें कम होंगी। HSBC के मुताबिक महंगाई काबू में रहने और नोटबंदी के कारण कीमतें कम होने के अतिरिक्त दबाव की बदौलत RBI को ब्याज दरें0.25 फीसदी और घटाने का मौका मिल सकता है। HSBC के एक रिसर्च के मुताबिक खुदरा और थोक महंगाई की दरें अनुकूल हैं। 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से बाहर किए जाने से अगले साल महंगाई पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। इसलिए माना जा रहा है कि बैंक अब जल्द ही लोन सस्ता कर सकते है।
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नोटबंदी के बाद लोग बड़ी तादाद में बैंकों में कैश जमा करा रहे हैं। लिहाजा अब बैंकों के पास भारी मात्रा में कैश जमा हो गया है। इसलिए बैंकों ने अब डिपॉजिट रेट्स में कटौती शुरू कर दी है। SBI ने एक साल से 455 दिनों के डिपॉजिट रेट को घटाकर6.90 फीसदी कर दिया है। उसने इसमें 0.15 फीसदी की कटौती की है। वहीं, बैंक ने211 से एक साल के डिपॉजिट के लिए डिपॉजिट रेट को पहले के 7 फीसदी पर बनाए रखा है। यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है जो बैंकों में पैसे जमा करा रहे हैं,लेकिन इससे कुछ ही हफ्तों में लोन सस्ते होने लगेंगे। इससे इकनॉमी को बूस्ट मिलेगा, जिससे GDP ग्रोथ भी बढ़ेगी।
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर की आधी रात के बाद 500 और 1,000रुपए के नोट का इस्तेमाल कुछ जरूरी सेवाओं को छोड़कर बंद कर दिया था। सरकार ने कालाधन, भ्रष्टाचार, नकली नोटों के चलन और आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए500 और 1000 के नोटों पर पाबंदी लगाई है।
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