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गाँव वालों ने रविश कुमार को भगाया, कर रहा था नोटबंदी के विरोध की कोशिश

एक मज़ेदार घटनाकर्म में क्रांतिकारी पत्रकार रविश कुमार एक गाँव  पहुँच गये कारण था मोदी जी के नोटबंदी अभियान के खिलाफ गावँ के लोगों की कुछ सनसनीख़ेज़ रिपोर्टिंग करने का और कुछ ऐसा दूँढने का जिससे मोदी सरकार को तसल्ली से बदनाम किया जा सके।
लेकिन जो रविश ने सोचा था वैसे नहीं बल्कि वहां तो कुछ और ही हो गया । लेकिन जो भी हुआ उससे भारत की सही झलक मिलती है ।ऐसा लगता है देश कि आम जनता मोदी जी के ख़िलाफ़ कुछ भी सुनना  नहीं चाहती क्यूँकि अधिसंख्यक लोगों के समझ में आ चुका है कि दिन रात काम करने वाला यही नेता देश को विकास के रास्ते पर लेकर जाएगा।
ऐसा लगता है अब ये क्रांतिकारी पत्रकार जहाँ-जहाँ भी जायेंगे, इन्हें कुछ ऐसे ही जवाब मिलेगा । आपको पता है गाँव के लोग जो भी बोलते हैं सीधा और तसल्ली से बोलते हैं इसलिए तो उन्होंने बूरी तरह से खड़का के रख दिया रविश बाबू को। 

लगता है अब रविश कुमार ये नहीं पूछेंगे – कि भैया कौन जात हो ?  और बाग़ों में उतनी ही बहार है जितना गाँव की गलियों में मोदी जी के लिए प्यार है ।

देखिये ये मजेदार विडियो


आपको बता दें की रविश कुमार जैसे वामपंथी तत्व अब भी नहीं सुधरेंगे, ये लोग अच्छे से जानते है की देश नरेन्द्र मोदी के समर्थन में है 
फिर भी ये लोग अपने एजेंडे में लगे रहते है, इनका मुख्य काम है किसी भी तरह हिन्दुओ को ख़त्म करना 
जिसे देश के लोगों को समझना चाहिए 

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