
सपा को टक्कर बसपा देने वाली है. अखिलेश यादव सारा श्रेय खुद लेने के लिए आधी अधूरी योजनाओं का शिलान्यास कर करे है. अखिलेश यादव चुनाव जितने के लिए जातिय कार्ड खेल रहे है. अखिलेश यादव जो विकास करने का दावा कर रहा है उसने 17 पिछड़ी जातियों को एस.सी. वर्ग में डाल दिया. और बसपा का ये हाल है कि उसके कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके है तो बसपा के दूर दूर तक जितने के कोई आसार नहीं है.

गुपचुप सूत्रों के पता चला है कि सपा और कांग्रेस के बीच समझौता हो गया है. यूपी ने नाजुक हालातों को देखते हुए कुछ भी अंदाजा लगाना बेहद कठिन होता जा रहा है. नोटबंदी के बाद से सबसे ज्यादा तकलीफ उत्तर प्रदेश के लोगों को उठानी पड़ी. इसलिए कोई ज्योतिष कोई डॉक्टर नहीं बता सकता की जनता के दिमाग में क्या चल रहा है.
2 जनवरी को पीएम मोदीजी लखनऊ में अपनी आख़िरी चुनावी रैली करने वाले है. इस रैली में मोदीजी प्रदेश के किसानों को, गरीबों को, इनकम टैक्स देने वालों को नए साल का तोहफा देने वाले है. नोटबंदी अभियान के आरम्भिक दिन पुरे होने के बाद मोदीजी कई घोषणाएं करने वाले है. अब ये घोषणाएं चाहे लखनऊ में हो या दिल्ली में, इनका सीधा असर उत्तर प्रदेश के चुनावी परिणामों पर पड़ेगा. मोदीजी की लखनऊ में होने वाली रैली काफी भीड़ नजर आने वाली है. इतना कहा जा सकता है जनता मोदीजी से बड़ी राहत की उम्मीद लगाये हुए है तभी लखनऊ में भाजपा कुर्सी जीत सकती है.
Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
0 comments: