
हालांकि, पैसे किसके हैं और कहां भेजे गए है . इस संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है क्योंकि जांच अभी जारी है . बता दें कि टाइम्स ऑफ इंडिया को मिली एक सूचना के अनुसार ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के खिलाफ दो मामले , आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडसइंड बैंक के खिलाफ भी 1-1 केस रजिस्टर किया गया है .
सभी मामले प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत दर्ज किए गए हैं . ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रीयकृत बैंक हैं . ईडी के बयान में कहा गया है . इन मामलों की जांच से तो यही लगता है कि कुछ मामलों में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत है एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह की मिलीभगत कैसे संभव हुई ?उन्होंने कहा अधिकारियों ने नो-योर-कस्टमर (केवाइसी) और नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी (एनआरओ) अकाउंट्स बनाने से संबंधित नियमों के उल्लंघन में मदद की और यह जांच का विषय है .
आईबी ने कहा कि वह 500 बैंक शाखाओं पर नजर रखे हुए है ईडी ने पहली बार बैंकों पर छापेमारी भी की . इधर, रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर एस एस मुंद्रा ने भी एक बयान में कहा, ‘आरबीआई के निरीक्षक बैंकों के विभिन्न डेटा पॉइंट्स को खंगाला जा रहा है और लेन-देन या काम-काज में कोई गलती की भनक लगते ही जांच शुरू की जाएगी .
पिछले साल देश से बाहर गए 12,357 करोड़ रुपये में सबसे बड़ी रकम बैंक ऑफ बड़ौदा मामले में पाई गई . ईडी को पता चला कि इस बैंक की दिल्ली स्थित एक शाखा से 6,000 करोड़ रुपये भारत से बाहर भेजे गए . जांच में पता चला है कि गुजरात में आईसीआईसीआई बैंक की एक शाखा ने 5,395.75 करोड़ और महाराष्ट्र में ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की एक शाखा से 56.51 करोड़ और इसी बैंक की उत्तर प्रदेश स्थित शाखा से 600 करोड़ रुपये बाहर भेजे गए है . इनसे जुड़े मामले साल 2014 और 2015 में दर्ज किए गए . वहीं इंडसइंड बैंक का केस इसी साल दर्ज किया गया जिससे 304.35 करोड़ रुपये देश से बाहर भेजे गए .
पिछले साल देश से बाहर गए 12,357 करोड़ रुपये में सबसे बड़ी रकम बैंक ऑफ बड़ौदा मामले में पाई गई . ईडी को पता चला कि इस बैंक की दिल्ली स्थित एक शाखा से 6,000 करोड़ रुपये भारत से बाहर भेजे गए . जांच में पता चला है कि गुजरात में आईसीआईसीआई बैंक की एक शाखा ने 5,395.75 करोड़ और महाराष्ट्र में ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की एक शाखा से 56.51 करोड़ और इसी बैंक की उत्तर प्रदेश स्थित शाखा से 600 करोड़ रुपये बाहर भेजे गए है . इनसे जुड़े मामले साल 2014 और 2015 में दर्ज किए गए . वहीं इंडसइंड बैंक का केस इसी साल दर्ज किया गया जिससे 304.35 करोड़ रुपये देश से बाहर भेजे गए .
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