अगर आप समझते हो मोदी जी किसी से दबने वाले हैं तो आप बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी में हो । भले ही हथियारों के मामले में रूस, चीन और अमेरिका हमसे आगे हों पर जब देश हित की बात आती है तो मोदी जी वही करते हैं जो देश के लिए सवसे सही होता है। बता दें कि अब मोदी जी ने रूस और ईरान को कड़ी चेतावनी दी है कि अपनी हरकतों से बाज़ आ जाओ वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा।
ग़ौरतलब हो कि रुस और ईरान एक तरफ़ आतंकवाद रोकने की बात करते हैं दूसरी तरफ़ वे तालीबान को अफगानिस्तान में राजनीतिक महत्व दिलाने की कोशिशों में लगे हैं । इस बात से नाराज भारत सरकार ने रूस को कड़ी चेतावनी दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि जहां तक आतंकी संघटन तालिबान की बात है तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए आतंकवाद और हिंसा को बिलकुल छोड़ देना चाहिए और अलकायदा से अपने संबंधों को खत्म करना चाहिए तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को अपनाना चाहिए।
ध्यान रहे कि भारत की ओर से रूस को इस तरह की चेतावनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफ़ी मायने रखती है क्योंकि रूस सदा से भारत के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक रहा है। किंतु देश हित सबसे पहले होता है भारत का मानना है कि अफगानिस्तान में रूस के हालिया कदमों से एक बार फिर से गहरी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं । भारत की ओर से रूस और ईरान को चेतावनी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ऐतिहासिक संबंधों का भी हवाला दिया। विकास स्वरूप ने कहा कि हम द्विपक्षीय संबंधों में किसी भी तरह की कमी नहीं देखते। लेकिन पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम से भारत को परेशानी जरूर हुई है।
बताते चलें कि पिछले हफ़्ते अफगानिस्तान के ऊपरी सदन को संबोधित करते हुए रूसी राजदूत अलेक्जेंडर मानतित्सकी ने अपने विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी जामिर काबुलोव का हवाला देते हुए कहा था कि हमारे हित साझा हैं क्योंकि तालिबान आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रहा है ।
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