
केजरीवाल के पदचिन्हों पर चलते हुए यह बहुत ही अजब काम करती है बता दें कि पहली तस्वीर 9 मार्च 2016 कि है जिसमे यह खुद कैसीनो से जुआ खेलकर आई है और बता रही है कि कैसीनो में उन्हें बहुत मजा आया . वहीं दूसरी तस्वीर नवम्बर की है जिसमे इन्हें यह याद आ गया कि यह आप कि गोआ प्रचारक है इस कारण देखिये कैसे दिन में टोपी लगाकर कैसीनो का विरोध कर रही है .
इस बार सेसिल ने तो दोगलेपन में केजरीवाल को भी पीछे छोड़ दिया है . ” रात में कैसीनो में मस्ती और दिन में उनका विरोध ” . खैर हो भी क्यों न जिस पार्टी का अध्यक्ष केजरीवाल जैसे हो उस पार्टी के कार्यकर्ताओ से ऐसे ही काम की उम्मीद की जा सकती है . जब केजरीवाल खुद बिना सोचे समझे कुछ भी बोल सकते है तो उनके कार्यकर्त्ता तो अब इस काम में उन्हें भी पीछे छोड़ रहे है . इन आपियो की नौटंकी कभी खत्म नही हो सकती है .
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