
जैसा की चंडीगढ़ के निकाय चुनावों के नतीजों में भाजपा और अकाली दल गठबंधन का दबदबा रहा है आपको जानकार बेहद ख़ुशी होगी कि भाजपा ने 26 सीटों में से 19 सीटे जीत ली है था उसकी सहयोगी पार्टी अकाली दल ने एक सीट के साथ जीत पर अपना खाता खोला है .
इसके साथ ही विपक्षी दल कांग्रेस ने केवल 4 सीटों पर जीत दर्ज की है हालंकि कांग्रेस ने नोटबंदी के मुद्दे को उठाकर लोगो के प्रति हमदर्दी भी दिखाई थी लेकिन इसका भी कोई फायदा नही हुआ क्यूंकि जनता अब समझ गई है कौन उनके साथ है और कौन उन्हें भडकाने की कोशिश कर रहे है .
हैरानी की बात तो ये है कि चंडीगढ़ में रविवार ( 18 दिसंबर ) को 57 % से अधिक मतदान हुआ था यह नोटबंदी के बाद चौथा चुनाव है जहाँ बीजेपी के पक्ष में ही नतीजे देखने को मिल रहे है जबकि विपक्ष और कांग्रेस ने एक भी दिन ऐसा नही छोड़ा जब उन्होंने नोटबंदी के खिलाफ रैलियां न की हो .
इसके साथ ही आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि इस जीत से पहले भी बीजेपी ने महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के निकाय चुनावों में जीत हासिल कर ली है और अब चंडीगढ़ निकाय चुनाव के परिणाम अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा गठबंधन के लिए एक अच्छी खबर है . यह गठबंधन 10 साल से पंजाब की सत्ता में है .
राहुल गाँधी का भूकंप आया तो सही लेकिन बीजेपी पे नही बल्कि कांग्रेस पर ही तभी तो वे हार गई है और बोलो अब पप्पू भैया ” मैं भूकंप ला दूंगा “.
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