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केजरीवाल और मायावती निकले दलित विरोधी ! दलितों अब तो आँख खोलो !


आपको जानकार बेहद हैरानी होगी कि वो केजरीवाल और मायावती दोनों ही जोकि खुद को दलितों के सबसे बड़े शुभचिंतक बताते है और साथ में स्वयं को इनके प्रेमी बताते है उनके चेहरे से अब झूठ का ये नकाब उतर गया है 




बता दें कि पश्चिम बंगाल में जिहादी मुस्लिमो द्वारा जितने भी दंगे हो रहे है उनमे सबसे ज्यादा पीड़ित दलित ही है और जो इनके प्रेमी बने फिरते है वे इस कद्र चुप बैठे है जैसे इन्हें लकवा मार गया हो एक बात तो साफ़ है जब इनको वोट चाहिए होते है तो ये हाथ जोड़ते हुए सर झुकाते हुए इन दलितों के पास आते थे और आज जब दलित इतने पीड़ित है तो ये खामोश बैठे है .
अब तो इन दलितों को अपनी आँखें खोलनी चाहिए जो मायावती, कांग्रेस और केजरीवाल जैसे झूठे और मतलबी लोगो के झांसे में आते थे इन वामपंथियों ने आज ये दिखा दिया है कि वे किसी के नही है और जब आपका बुरा समय आता है तो केजरीवाल और ममता जैसे लोग एक शब्द भी अपने मुहं से नही निकालते है .
और जो लोग देश और हिन्दुओ के नही हुए तो ये लोग दलितों के क्या होंगे इन्हें केवल इनके वोटो से मतलब है जिन्हें पाकर ये सत्ता तो पा लेते है और बाद में ये ऐसे पेश आते है जैसे दलितों को जानते ही नही हो .
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