एक काग़ज़ की लिस्ट जो कोई भी कभी भी बना सकता है और कह सकता है कि मैंने फ़लाँ फ़लाँ को रिश्वत दी है ऐसी ही एक टाइप की हुई लिस्ट दिखाकर राहुल गांधी ने मोदी जी पर इल्ज़ाम लगा दिए और उन्हें रिश्वत लेने वाला बता दिया । अब उस लिस्ट में कांग्रेस की पंद्रह साल CM रही शीला दीक्षित का नाम है ये किसी और ने बता दिया तो क्या राहुल गांधी शीला दीक्षित को भी भ्रष्टाचार का दोषी मान लेंगे ? वैसे राहुल गांधी को ये नहीं पता कि कोई भी किसी के लिए भी काग़ज़ पर या अपने कम्प्यूटर पर कुछ भी लिख सकता है और उसकी कोई वैल्यू नहीं होती ।
राहुल गांधी अपनी सरकार के उस भ्रष्टाचार पर कभी नहीं बोलते जिसके केस कोर्ट तक में चल रहे हैं , अभी अभी दिग्विजय सिंह जो राहुल गांधी के राजनैतिक गुरु हैं उनको 750 करोड़ के घोटाले में सम्मन मिला है उसपर राहुल गांधी चुप हैं क्यूँ ? उनकी सरकारें सबसे भ्रष्ट रही हैं लेकिन राहुल गांधी चुप हैं ? राहुल गांधी ने नोटबंदी को आर्थिक डैकती बता रहे हैं वो कभी बताएँगे कि उनकी UPA सरकार ने दस साल में 36 लाख करोड़ रुपए क्यूँ माफ़ किए गए थे ?
केजरीवाल और राहुल गांधी से ज़्यादा कुतर्क से बात करने वाले नेता शायद इस देश के इतिहास में कभी नहीं हुए । ना इनके पास कोई सबूत होता है , ना इनकी किसी भी बात में कोई वज़न होता है लेकिन ये बिना मतलब की , बिना सर पैर की बातें स्टेज से बोलते रहते हैं । हमारे आंकलन के हिसाब से अब राहुल गांधी मोदी जी को कोसने के मामले में केजरीवाल से कम्पेटिशन करना चाहते हैं ।
एक सीधा का मंत्र हैं जो आदमी सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है और सबसे ज़्यादा ऊपर है उस पर ऊँगली उठाते रहो ताकि कम से कम उस आदमी के विरोधी आपको सुनते रहें और फिर मीडिया में रहने का मौक़ा भी इससे बख़ूबी मिल जाता है । इसमें एक और फ़ायदा है कि जब सबसे ऊपर के लेवल का आदमी कोई ग़लती कर दे तो फिर उसका फ़ायदा भी उसी को मिलेगा जो उस आदमी को कोसता रहता है । तो कुल मिलकर आंकलन यही है अब विरोधियों को अपनी राजनीति बचाने के लिए भी मोदी जी के नाम का सहारा लेना पड़ रहा है । उनके पास ना कोई मुद्दे हैं ना कोई दिशा बस मोदी को कोसना ही इनका एकमेव कार्य रह गया है ।
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