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शानदार !! सबका साथ सबका विकास ये सरकार करेगी सबका उद्धार


राज्यसभा ने सत्र समाप्त होने से एक दिन पहले दिव्यंगों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है. 16 नवम्बर से शुरू हुए सत्र में आज पहली बार राज्य सभा में अच्छा काम हुआ है. दरअसल राज्य सभा ने राज्यसभा ने दिव्यांग विधेयक-2014 पारित कर दिया. दिव्यांगों से भेदभाव को दंडनीय अपराध बनाने वाला यह विधेयक 120 संशोधनों के साथ सर्वसम्मति से पारित किया गया है. अगर अब किसी ने भी दिव्यांगों से भेदभाव किया तो उसे दण्डित किया जाएगा. पहली बार दिव्यांगों के अधिकारों के लिए बिल पास किया गया है.

जबसे संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ था संसद में केवल नोटबंदी पर ही बहस हुई. अब जब संसद सत्र के तीन दिन बाकी है तो दिव्यांगों के लिए अच्छी खबर आई है. इस शीतकालीन सत्र में राज्य सभा ने ये पहला बिल पास किया है. बुधवार को पूरा संसद दिव्यांगों के मसले पर एक साथ खड़ा था. दिव्यांग विधेयक-2014 दिव्यांग अधिनियम-1995 का स्थान लेगा. नए विधेयक के तहत दिव्यांगों की श्रेणियों को सात से बढ़ा कर 22 कर दिया गया है.
इन 22 श्रेणियों में तेजाब हमले के पीड़ितों, पर्किंसन, हीमोफीलिया, थेलेसीमिया, आॅटिजम, मानसिक विकार, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल जैसी समस्याओं से पीड़ितों को भी शामिल किया गया है. इस विधेयक के अंतर्गत दिव्यांगों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. विधेयक में दिमागी रूप से बीमार लोगों के अभिभावक बनाने को लेकर स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं.
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