
मोदीराज में हर कोई स्वदेशी अपनाने की राह पर चल रहा है. फिर चाहे वो उबर का मुख्य कार्याधिकारी ट्राविस कालानिक क्यूँ ना हो. उबर जैसी टैक्सी एग्रीगेटर कंपनी विदेशी कंपनी होने के कारण भारत में लगातार मुश्किलों का सामना कर रही थी. भारत में उबर का मुनाफा देखते हुए ट्राविस कालानिक ने उबर की भारत में जगह बनाये रखने के लिए भारतीय नागरिकता लेने का फैसला लिया.
उबर के मुख्य कार्याधिकारी ट्राविस कालानिक पांच दिन के दौरे पर भारत आए हुए हैं. इस दौरान ट्राविस कालानिक ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. साथ ही ट्राविस कालानिक ने अपनी कई नयी प्रमुख घोषणाएं भी बताई. सोमवार को कालानिक ने मुंबई में अपने उबर के कार्यालय जाकर भारतीय परिचालन का जायजा भी लिया था.
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